उदयपुर में अनोखी शादी, यहां लड़का लड़की नहीं बल्कि इनका कराया गया विवाह, चारों ओर हो रही चर्चा

Last Updated:April 10, 2025, 13:37 IST
Udaipur News: उदयपुर के खेमपुरा में पीपल और बड़ के पेड़ों का पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह कराया गया. इस अनोखे आयोजन में बारात, फेरे, गीत-संगीत और प्रसाद जैसी सभी रस्में निभाई गईं. पंडितों और आयोजकों का …और पढ़ेंX
पीपल और बड़ का विवाह
हाइलाइट्स
उदयपुर में पीपल और बड़ के पेड़ों का विवाह हुआविवाह में बारात, फेरे और प्रसाद की रस्में निभाई गईंआयोजन पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास
उदयपुर:- शहर के खेमपुरा क्षेत्र की ज्योति कॉलोनी में हाल ही में एक अनोखा और आश्चर्यजनक विवाह समारोह देखने को मिला, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. यहां कोई इंसानी जोड़ा नहीं, बल्कि दो वृक्ष बड़ और पीपल का विधिवत विवाह संपन्न कराया गया. पूरे धार्मिक रीति-रिवाज़ों, वैदिक मंत्रोच्चारण, और पारंपरिक रस्मों के साथ यह आयोजन एक भव्य शादी जैसा प्रतीत हुआ.
आपको बता दें, स्थानीय लोगों ने बड़ के पेड़ को दूल्हा और पीपल को दुल्हन के रूप में सजाया. विवाह से पहले कुंडली मिलान भी करवाया गया और फिर पारंपरिक हिंदू विवाह की तर्ज पर हल्दी, मेहंदी, बारात और फेरे जैसी सभी रस्में निभाई गईं.महिलाएं सिर पर बर्तन लेकर घूमी, मंगल गीत गाए और घर-घर जाकर विवाह की खुशियां साझा कीं. मोहल्ले भर में शादी जैसा माहौल बना रहा.
बता दें, कि बारात में ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर लोग जमकर नाचे. कॉलोनी के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने इस अनूठे आयोजन में उत्साह से भाग लिया. समधी मिलन का कार्यक्रम भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कॉलोनीवासियों ने भागीदारी निभाई. शादी के मुख्य कार्यक्रम में पंडितों ने पूरी विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चार करते हुए अग्निकुंड में फेरे करवाए और पाणिग्रहण संस्कार संपन्न कराया. विवाह के बाद सभी उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरित किया गया.
पीपल को माना जाता है पूजनीयआपको बता दें, पंडितों और आयोजकों का मानना है, कि पीपल और बड़ दोनों ही हिंदू परंपरा में पवित्र माने जाते हैं. खासकर पीपल को विवाह के बाद पूजनीय माना जाता है. माना जाता है कि पीपल की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और यह वृक्ष जीवन में सुख-शांति लाता है. वहीं, यह अनूठा आयोजन पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देने का एक सराहनीय प्रयास भी माना जा रहा है. वृक्षों को भी जीवन का दर्जा देते हुए उन्हें सामाजिक परंपराओं में शामिल करना एक प्रेरणादायक कदम है, जिससे समाज में जागरूकता और श्रद्धा दोनों का संचार होता है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 10, 2025, 13:37 IST
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उदयपुर में अनोखी शादी, यहां लड़का लड़की नहीं थे, फिर भी सभी रस्में हुईं!
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