A unique marriage took place in Kota, the banyan tree became the groom and the peepal tree became the bride.

शक्ति सिंह/कोटा:- पीपल पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, कोटा कनवास तहसील के गांव आमली झाड़ में एक अनोखी शादी का आयोजन हुआ. इस शादी में कोई दूल्हा-दुल्हन नहीं थे, बल्कि दो पेड़ों की शादी हुई. दरअसल यहां बरगद और पीपल का विवाह संपन्न हुआ. यह अनोखी शादी वैदिक मंत्रोच्चार और हिंदू परंपराओं के अनुसार हुई. बारात में गांव के ही लोग शामिल हुए और मंगल गीत के बीच आचार्य ने मंत्र उच्चारण कर फेरे कराए. शादी में शामिल होने के लिए सभी ग्रामीण पहुंचे और इस अनोखे विवाह को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही.
विवाह से पहले हुआ हल्दी और मेहंदीशादी से पहले देवली मांजी थाना क्षेत्र में दोनों पेड़ों की कुंडली मिलवाई गई थी. इसके बाद हल्दी और मेहंदी की रस्म के साथ ही लोगों को आमंत्रण भेजकर बुलाया गया. विवाह से पूर्व मेहंदी, हल्दी, और बासन कार्यक्रम हुआ. इसके बाद विवाह के लिए बरगद के पेड़ को दूल्हा और पीपल के पेड़ को दुल्हन की तरह सजाया गया. इस मौके पर महिलाओं ने मंगल गीत गाए और धार्मिक अनुष्ठान आचार्य हेमराज शर्मा ने गोधूलिक वेला मुहूर्त में पाणिग्रहण संस्कार संपन्न करवाया. विवाह के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने शादी को संपन्न कराने में बढ़-चढ़कर भाग लिया और हजारों भक्त पाणिग्रहण संस्कार के साक्षी बने.
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जल चढ़ाने से मनोकामना होती है पूरीआचार्य हेमराज शर्मा ने Local18 को बताया कि हिंदू रीति-रिवाज में सभी धार्मिक कार्य पीपल के पेड़ में किए जा सकते हैं और विवाह करने के बाद ही यह वृक्ष पवित्र माना जाता है. शादी के बाद पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है और यह बंधन बांधने और पूजा करने के लिए पवित्र माना जाता है. यह अनोखी शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है और लोग इस अनोखी परंपरा की सराहना कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 14:00 IST