A unique temple of Jhunjhunu where offerings are made and Prasad is distributed within the temple premises and worship is done selflessly.

Last Updated:March 03, 2025, 17:35 IST
झुंझुनू के खिंवासर गांव में स्थित उबली के बालाजी मंदिर अपनी अनोखी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां भोग का प्रसाद भक्तों द्वारा मंदिर परिसर में ही वितरित किया जाता है, क्योंकि इसे घर ले जाने पर अनिष्ट होने की …और पढ़ेंX
झुंझुनूं का अनूठा मंदिर जहां पर भोग लगाकर प्रसाद को मंदिर परिसर में ही कर देते ह
रविन्द्र कुमार/ झुंझुनूं- झुंझुनू के खिंवासर गांव में स्थित उबली के बालाजी मंदिर अपनी प्राचीनता और अनोखी मान्यताओं के कारण श्रद्धालुओं के बीच विशेष महत्व रखता है. इस मंदिर में भक्तगण दही का भोग अर्पित करते हैं, और एक अनूठी परंपरा के तहत भोग का प्रसाद अपने साथ नहीं ले जाते, बल्कि मंदिर परिसर में ही वितरित कर देते हैं.
पाकिस्तान से लाई गई थी विशेष प्रतिमाइस मंदिर की एक और दिलचस्प मान्यता यह है कि यहां विराजमान एक विशेष प्रतिमा पाकिस्तान से लाई गई थी और इसे इस पवित्र स्थल पर स्थापित किया गया. इससे मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
प्रसाद को घर ले जाने पर अनिष्ट होने की मान्यतामंदिर के पुजारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि प्रारंभ में कुछ भक्त भोग लगाने के बाद प्रसाद को अपने घर ले गए, लेकिन इसके पश्चात उनके साथ अनिष्ट घटनाएं घटित होने लगीं. तब से भक्तों ने यह नियम बना लिया कि मंदिर में अर्पित किया गया प्रसाद केवल मंदिर परिसर में ही वितरित किया जाएगा. अब यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, और भक्तगण श्रद्धा भाव से इसका पालन करते हैं.
निस्वार्थ भक्ति और श्रद्धा का केंद्रमंदिर में आने वाले भक्त निस्वार्थ भाव से पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद को वहीं पर वितरित कर देते हैं. सवामणि प्रसाद भी मंदिर परिसर में ही बांटा जाता है, जिससे श्रद्धालुओं की भक्ति और श्रद्धा और गहरी होती है.
वर्षों पुरानी पूजा परंपरामंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा के अनुसार, वे विक्रम संवत 1995 से इस मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रारंभ में कुछ भक्त प्रसाद अपने घर ले गए, जिससे उनके घर में अनहोनी घटनाएं घटीं. इसके बाद जब उन्होंने पुनः मंदिर में आकर पूजा की, तो उन्हें लाभ होने लगा. इस घटना के बाद से यह मान्यता प्रबल हो गई कि भोग का प्रसाद मंदिर परिसर में ही वितरित करना चाहिए.
श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीकआज उबली के बालाजी मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का जीवंत प्रतीक बन चुका है. भक्तों का मानना है कि मंदिर की परंपराओं का पालन करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और किसी भी प्रकार की बाधा दूर हो जाती है.
Location :
Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
March 03, 2025, 17:35 IST
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इस मंदिर में भोग लगाने के बाद घर नहीं ले जा सकते प्रसाद, मान्यता जानकर…