मां गंगा की आरती और महाकाल की भस्म आरती से दीपावली मेले में छाया भक्ति का रंग

Last Updated:October 18, 2025, 20:43 IST
नगर निगम के दीपावली मेले में गुरुवार की रात गंगा और क्षिप्रा की पवित्रता से भरपूर भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला. बनारस और उज्जैन के कलाकारों ने मां गंगा और महाकाल की आरती की ऐसी मनमोहक प्रस्तुति दी कि दर्शक भावुक हो उठे. भस्म आरती के साथ दीपों की चमक और मंत्रों की गूंज से पूरा पंडाल दिव्य अनुभव से भर गया. मेले में 121 फीट ऊंची डोलर, स्वादिष्ट व्यंजन और पर्यावरण संरक्षण के लिए फिनीलूप पहल ने रंगीन उत्सव को और भी खास बना दिया.
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उदयपुर. नगर निगम दीपावली मेले में गुरुवार की रात का नज़ारा कुछ खास था. पूरा माहौल गंगा और क्षिप्रा नदी की पवित्रता से सराबोर हो गया. बनारस और उज्जैन से आए कलाकारों ने ऐसी अद्भुत प्रस्तुति दी कि दर्शक भावुक हो उठे. मां गंगा की आरती के दौरान पूरा पंडाल भक्ति भाव में डूब गया. मंत्रोच्चार और दीपों की रोशनी के बीच ऐसा लगा मानो बनारस का गंगा घाट उदयपुर में उतर आया हो.
लोग आरती के दौरान पूरे समय खड़े होकर हाथ जोड़ मां गंगा को नमन करते रहे. जब कलाकारों ने मंच से आरती की शुरुआत की, तो कई दर्शकों की आंखें नम हो गईं. किसी ने कहा कि, “अगर उदयपुर में इतनी शांति और आनंद मिल रहा है, तो सोचिए बनारस में आरती कितनी दिव्य होती होगी. मां गंगा की आरती के साथ ही अष्टविनायक और माता रानी की आरती भी की गई, जिससे पूरा माहौल भक्ति रस से भर गया.
उज्जैन के कलाकारों ने दी महाकाल की भस्म आरती की प्रस्तुति
इसके बाद उज्जैन के कलाकारों ने महाकाल की भस्म आरती की प्रस्तुति दी. भस्म आरती का दृश्य इतना वास्तविक था कि दर्शकों को लगा जैसे वे उज्जैन के महाकाल मंदिर में ही मौजूद हों. पूरे मंच पर शिव भक्ति का माहौल छा गया, डमरू की ध्वनि और शंखनाद के बीच दर्शक मंत्रमुग्ध होकर महाकाल का जयकारा लगाने लगे. नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना ने बताया कि गुरुवार की रात के साथ दीपावली मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन हो गया है, लेकिन मेला 23 अक्टूबर तक जारी रहेगा.
इस दौरान शहरवासी झूलों, स्वादिष्ट व्यंजनों और खरीदारी का आनंद ले सकेंगे. मेले में इस बार 121 फीट ऊंची डोलर (जाइंट व्हील) सबका ध्यान खींच रही है. इस झूले पर बैठकर पूरे उदयपुर शहर का नजारा देखा जा सकता है. शाम ढलते ही झूलों के पास भीड़ लग जाती है और देर रात तक रौनक बनी रहती है. वहीं, प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए फिनीलूप कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है.
इसमें 1 किलो प्लास्टिक या ई-वेस्ट जमा करवाने पर 11 मिट्टी के दीये, एक कपड़े का बैग और हेल्थ चेकअप वाउचर दिया जा रहा है. आज इसका अंतिम दिन है. लोगों से अपील की गई है कि वे भी इस पहल का हिस्सा बनें और उदयपुर को प्लास्टिक फ्री बनाने में सहयोग करें. मेले की यह शाम भक्ति, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का अद्भुत संगम बन गई, जिसे शहरवासी लंबे समय तक याद रखेंगे.
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
October 18, 2025, 20:43 IST
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उदयपुर दीपावली मेले में गंगा व महाकाल आरती की शानदार प्रस्तुति