आखिर लड़की ने क्यों किया ऐसा? दिन-रात मेहनत करके लिया IIT में एडमिशन, अब इस कदम से कांप गए घरवाले
IIT Admission, IIT suicide Case: इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए IIT में पढ़ना किसी सपने से कम नहीं होता. लाखों बच्चों का यह ख्वाब, ख्वाब ही रह जाता है, लेकिन जिसे IIT में एडमिशन मिल जाता है, उसे भाग्यशाली माना जाता है. इन्हीं में से एक थी कानपुर के सनिगवां की रहने वाली प्रगति खरया. खूब मेहनत से पढ़ाई करके प्रगति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) के पीएचडी कोर्स में एडमिशन लिया. यहां भी मन लगाकर वह पढ़ाई कर रही थी. घर वाले भी खुश थे कि बेटी ने नाम रौशन कर दिया. अभी दो ही दिन पहले की बात है, उनकी बिटिया IIT रुड़की में जाकर रिसर्च प्रेजेंट करके आई थी, जिसके बाद वह काफी खुश थी. लेकिन यह क्या? एक दिन बाद ही उसके बारे में ऐसी खबर आई जिसे सुनकर घरवालों का कलेजा दहल गया. उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही. इस बात पर उन्हें विश्वास तक नहीं हो रहा है.
क्या है पूरा मामला?भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) में गुरुवार को अर्थ साइंस में पीएचडी (PHD) कर रही प्रगति खरया अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गईं. बताया जा रहा है कि उन्होंने कमरे की छत से लटककर आत्महत्या कर ली. प्रगति IIT कानपुर के हॉल नंबर 4 के डी-116 नंबर कमरे में रहती थीं. प्रगति के सुसाइड की खबर सुनकर IIT में खलबली मच गई. प्रगति के सुसाइड की सूचना पाते ही घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी प्रगतिप्रगति, चकेरी के सनिगवां के रहने वाले गोविंद की सबसे छोटी बेटी थी. प्रगति के अलावा गोविंद के तीन बेटे हैं. गोविंद का परिवार काफी पढ़ा-लिखा है. उनका बड़ा बेटा सत्यम HDFC बैंक में अफसर है, दूसरा बेटा शिवम NTPC में इंजीनियर है, और तीसरा बेटा सुंदरम इंफोसिस में काम करता है. सबसे छोटी बेटी प्रगति ने दिसंबर 2021 में पीएचडी में एडमिशन लिया था.
‘हमारी तो रूह ही कांप गई’प्रगति के सुसाइड की खबर सुनने के बाद घरवाले बदहवास हो गए. जो जहां था, वही रोने लगा. कोई बोलने या बात करने की स्थिति में नहीं था. बहुत हिम्मत जुटाने के बाद, प्रगति के चाचा मनोज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रगति काफी खुशमिजाज लड़की थी, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया, समझ नहीं आ रहा. मनोज कहते हैं, “प्रगति के सुसाइड की बात सुनकर मेरी रूह कांप उठी. मेरी तो जवान बेटी चली गई.” मनोज प्रगति को याद करते हुए कहते हैं कि वह IIT में एडमिशन के लिए दिन-रात बहुत मेहनत करती थी. प्रगति के पिता गोविंद कहते हैं कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी बेटी इतनी कमजोर थी कि वह सुसाइड कर सकती है. गोविंद ने कहा कि उनकी बेटी ऐसी नहीं थी. वह रोजाना फोन पर परिवार वालों से बात करती थी. दो दिन पहले ही वह IIT रुड़की गई थी, जहां उसने रिसर्च पेपर दिखाया था. पुलिस को इस मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया?
डिस्क्लेमर: अगर आपके आसपास कोई शख्स डिप्रेशन में है और आपको ऐसा लगता है कि उसके मन में खुद को नुकसान पहुंचाने का विचार आ रहा है या कोई खुद को नुकसान पहुंचाने कोशिश कर रहा है. ऐसे में आप 9152987821 हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर तुरंत जानकारी दे सकते हैं, ताकि एक कीमती जीवन को बचाया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 11:16 IST