Murshidabad Violence News: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा: मुर्शिदाबाद में सैकड़ों बेघर.

Last Updated:April 15, 2025, 07:11 IST
Murshidabad Violence Latest News: मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा से 400-500 लोग पलायन कर परलालपुर स्कूल में शरण ले चुके हैं. हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है और 200 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं.
मुर्शिदाबाद हिंसा: वक्फ कानून के विरोध हिंसा के चलते 500 लोग बने शरणार्थी
हाइलाइट्स
मुर्शिदाबाद हिंसा में 400-500 लोग पलायन कर चुके हैं.हिंसा में तीन लोगों की मौत, 200 से ज्यादा गिरफ्तार.लोग परलालपुर स्कूल में शरण लेने को मजबूर.
Murshidabad Violence Latest News: वक्फ कानून की आड़ में पश्चिम बंगाल को जलाया जा रहा है. वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर हिंसा हो रही है. मुर्शिदाबाद की आग अब अन्य इलाकों में फैल रही है. हिंसा का दर्द पूरे अब पूरे देश को महसूस हो रहा है. मुर्शिदाबाद पूरी तरह से हिंसा की चपेट में है. लोग पलायन करने को मजबूर हैं. मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से कई हिंदू अपना घर-बार छोड़ जान बचाकर भाग चुके हैं. बीएसएफ के कारण किसी तरह उनकी जान बची हुई है. या यूं कहिए कि ये लोग खुद को बचाए हुए हैं. परलालपुर स्कूल अभी राहत शिविर में तब्दील है. यहां सैकड़ों परिवारों का आशियाना है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मुर्शिदाबाद हिंसा के चलते करीब 400 से 500 लोग अपने घरों से भागकर इस स्कूल में शरण ले चुके हैं. गंगा पार करके या सड़क से 60 किलोमीटर पैदल चलकर ये परिवार यहां तक पहुंचे हैं. जो परिवार यहां आए हैं, उन्हें नहीं पता कि वे कब अपने घर लौटेंगे? वे अपने घर लौट पाएंगे भी या नहीं, यह भी बड़ा सवाल है.
हिंसा का दर्द तो देखिएस्कूल में शरण लेने वालीं 24 साल की सप्तमी मंडल कहती हैं कि वह अपने ही देश में रिफ्यूजी बन गई हैं. मुर्शिदाबाद हिंसा के दर्द बताते हुए वह कहती हैं, ‘शुक्रवार को भीड़ ने हमारे पड़ोसी के घर में आग लगा दी और हमारे घर पर पथराव किया. मेरे माता-पिता और मैं अंदर ही छिपे रहे और शाम को भीड़ के जाने पर वहां से निकले. तब तक BSF ने गश्त शुरू कर दी थी. हमारे पास पहने हुए कपड़े ही बचे हैं. बीएसएफ की मदद से हम घाट पहुंचे.’
धुलियान में रहने वाली सप्तमी के पति कोलकाता में मिस्त्री का काम करते हैं. वहीं, सप्तमी की मां महेश्वरी मंडल ने बताया, ‘अंधेरा हो गया था. हम एक नाव पर चढ़े और नदी पार की. दूसरी तरफ यह गांव था जहां एक परिवार ने हमें रात में पनाह दी और हमें कपड़े दिए. अगले दिन, हम इस स्कूल में आ गए.
अपने ही देश में रिफ्यूजीसप्तमी कहती हैं, ‘नदी पार करते ही मेरी बच्ची को बुखार हो गया… अब हम दूसरों के सहारे हैं. अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं. न जाने कभी वापस लौट पाएंगे भी या नहीं; अगर उन्होंने फिर हमला कर दिया तो?’ पारलपुर हाई स्कूल में रहने वाले परिवार सुती, धुलियां और समहेरगंज जैसे इलाकों से हैं.
मुर्शिदाबाद हिंसा में क्या अपडेटनए वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 72 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके बेटे 40 वर्षीय चंदन दास शामिल हैं. दोनों को भीड़ ने उनके घर से घसीटकर मार डाला था. हालांकि, 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस का दावा है कि स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन जिन लोगों ने हिंसाग्रस्त इलाकों को छोड़ा है, उन्हें इस बात का यकीन नहीं है. बहरहाल, बंगाल में हिंसा की आग और भड़क ही रही है.
Location :
Kolkata,Kolkata,West Bengal
First Published :
April 15, 2025, 06:10 IST
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‘अपने देश में रिफ्यूजी बन गए, घर कब जाएंगे?’ मुर्शिदाबाद हिंसा का दर्द देखिए