MP Jaskaur Meena controversial statement Kirori Meena reacts | आखिर Kirori Lal Meena क्यों मांग रहे अपनी ही पार्टी सांसद Jaskaur Meena से इस्तीफा?
– भाजपा सांसद जसकौर मीणा के बयान पर गरमाई सियासत, – सांसद डॉ किरोड़ी लाल ने जताई आपत्ति- माँगा इस्तीफा, – सांसद ने की थी संपन्न लोगों को आरक्षण छोड़ने की पैरवी
जयपुर
Published: April 16, 2022 12:56:01 pm
जयपुर।
राजस्थान की दौसा लोकसभा से भाजपा सांसद जसकौर मीणा का आरक्षण मसले पर दिया एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। सांसद जसकौर के बयान पर अब उन्हीं की पार्टी के नेता खफा दिखाई दे रहे हैं। दौसा से ही राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने तो सांसद जसकौर मीणा से आरक्षित सीट से इस्तीफा तक देने की मांग कर डाली है।

दरअसल, सांसद जसकौर मीणा ने शुक्रवार को जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने संपन्न लोगों से आरक्षण छोड़ने की पैरवी की थी।
… तो इस्तीफा दें जसकौर: डॉ किरोड़ी लाल मीणा
सांसद जसकौर मीणा के बयान पर उन्हीं की पार्टी के सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आपत्ति जताई है। डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया को दी अपनी तल्ख़ प्रतिक्रिया में कहा है कि क्या वाकई दौसा सांसद सक्षम हो गई हैं? अगर वह आरक्षण का फायदा नहीं ले रही तो दौसा आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ा? इसके साथ ही किरोड़ी ने जसकौर को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि दौसा आरक्षित सीट से जसकौर मीणा इस्तीफा दें, जिससे किसी जरूरतमंद आरक्षित व्यक्ति को मौका मिल सके।
अगर वे छोड़ रहीं हैं तो सांसद से इस्तीफा दें ताकि उपचुनाव होगा और दूसरे को मौका मिलेगा: भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, जयपुर, राजस्थान
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2022
ये कहा था सांसद जसकौर मीणा ने-
सांसद जसकौर मीणा ने कहा था कि जो लोग सक्षम और संपन्न हो रहे हैं, उन्हें आरक्षण का फायदा जरूर छोड़ना चाहिए। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वो खुद भी आरक्षण छोड़ चुकी हैं। सांसद ने कहा कि वो ना तो कॉलेज में ज्यादा पढ़ी और ना ही स्कूल में बहुत ज्यादा पढ़ी। लेकिन नदी में जिस तरह पत्थर गुड़-गुड़ कर अच्छे आकार में आ जाता है, उसी तरह वह लगातार चलते- चलते सक्षम हुई हैं। जसकौर ने कहा कि समाज में सभी को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि अगर आप सक्षम हैं तो कम से कम 5 बच्चों की पढ़ाई का खर्चा आपको उठाना चाहिए।
सांसद ने कहा कि मौजूदा समय में भी वह 158 बच्चियों की स्कूल फीस, किताबों और दूसरा जरूरी खर्चा उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है अगले साल इस संख्या में और ज्यादा बढ़ोतरी हो जाए। उन्होंने कहा कि वे और उनकी पार्टी, ‘ सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ में भरोसा रखती हैं, लेकिन यह तभी संभव होगा जब ‘सबका प्रयास’ इसमें होगा।
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