After four years of separation, got a gift on Holi, emotional meeting of sister and brother in Apna Ghar Ashram

Last Updated:March 04, 2025, 19:10 IST
असम के तिनसुकिया जिले की निवासी मुन्नी देवी मानसिक रूप से अस्वस्थ थी. साल 2020 में वह बिना बताए अपने ससुराल से मायके जाने के लिए निकली, लेकिन रास्ते में ही भटक गई. घर लौटने के बजाय वह अज्ञात राहों पर चल पड़ीं औ…और पढ़ेंX
अपना घर आश्रम में मिले भाई बहन
हाइलाइट्स
चार साल बाद मुन्नी देवी का भाई से भावुक मिलन हुआ.मानसिक रूप से अस्वस्थ मुन्नी देवी लखनऊ में भटक गई थीं.अपना घर आश्रम ने मुन्नी देवी को परिवार से मिलाया.
भरतपुर:- भरतपुर के अपना घर आश्रम में एक ऐसा भावुक क्षण देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दी. चार साल पहले खोई हुई मुन्नी देवी जब अपने भाई से मिलीं, तो दोनों गले लगकर फफक पड़े. भाई विक्की कानू की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिल में सुकून कि उनकी बहन सही सलामत उनके पास लौट आई है. यह आस थी, जो अपना घर आश्रम में पूरी हुई.
असम के तिनसुकिया जिले की निवासी मुन्नी देवी मानसिक रूप से अस्वस्थ थी. साल 2020 में वह बिना बताए अपने ससुराल से मायके जाने के लिए निकली, लेकिन रास्ते में ही भटक गई. घर लौटने के बजाय वह अज्ञात राहों पर चल पड़ीं और लखनऊ पहुंच गईं. वहां किसी की नजर उन पर पड़ी और 27 जुलाई 2022 को उन्हें अपना घर आश्रम भरतपुर लाया गया. आश्रम में सेवा और उपचार के बाद जब उनकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ, तो उन्होंने अपने घर और परिवार की जानकारी दी.
चार साल के लंबे इंतजार के बाद मिली बहनआश्रम की पुनर्वास टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए असम के माकुम पुलिस थाना को सूचना भेजी. जब यह खबर उनके भाई विक्की कानू तक पहुंची, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. चार साल के लंबे इंतजार के बाद 4 मार्च को विक्की कानू और उनके चचेरे भाई विकी कुमार गुप्ता भरतपुर पहुंचे. जैसे ही मुन्नी देवी अपने भाई से मिलीं, तो दोनों एक-दूसरे को देखकर भावनाओं के सागर में बह गए. बहन को गले लगाकर विक्की की आंखों से खुशी और दर्द दोनों के आंसू छलक पड़े. आश्रम में मौजूद सभी लोग इस मिलन को देखकर भावुक हो उठे.
दोनों बेटे ननिहाल में रहकर कर रहे थे पढ़ाईमुन्नी देवी के दो बेटे जो अभी 10 और 8 साल के हैं, पिछले चार सालों से अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. उनके जीवन से मानो रंग ही गायब हो गए थे. लेकिन अब होली से ठीक पहले उनकी मां की घर वापसी की खबर ने पूरे परिवार में खुशियां लौटा दीं. विक्की कानू ने कहा कि मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी थी कि एक दिन मेरी बहन लौटेगी. आज होली मेरे परिवार के लिए दोगुनी खुशी लेकर आई है. अपना घर आश्रम ने न सिर्फ मुन्नी देवी को आसरा और उपचार दिया, बल्कि उनके परिवार को फिर से एक कर दिया. पुनर्वास प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुन्नी देवी अपने भाई के साथ असम लौट गईं.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 04, 2025, 19:10 IST
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बिना बताए ससुराल से मायके निकली बहन, चार साल बाद पहुंची घर, जानें पूरी कहानी