Rajasthan

NEET के बाद AFMC का चयन, सेना में जाने के लिए अपनाई ये रणनीति, अब बने Army Officer

Indian Army AFMC Story: कहा जाता है कि बच्चों की पहली सीख अपने परिवार से मिलती है. इसी से प्रेरणा लेकर बच्चे अपने जीवन को एक नई दिशा देते हैं. आज एक ऐसे ही लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपने परिवार से सेना में जाने की प्रेरणा मिली है. वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर केवल अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इसके लिए उन्होंने मेडिकल फील्ड को चुना और NEET की परीक्षा पास करने के बाद आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज के माध्यम से भारतीय सेना में अफसर बनने का रास्ता अख्तियार किया. जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं, उनका नाम डॉ. नितेश यादव (Lieutenant Dr Nitesh Yadav) है.

AFMC से ली MBBS की डिग्रीभारतीय सेना में आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज (AFMC) के जरिए सेना में ऑफिसर बनने वाले डॉ. नितेश यादव राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ के मांचल गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद अब पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की तैयारी करने का निर्णय लिया है. वे दिल्ली स्थित बेस हॉस्पिटल में अपनी पहली पोस्टिंग देंगे, जहां वे अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे. इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज के माध्यम से की, जिससे वे भारतीय सेना के आर्मी मेडिकल कोर में शामिल हुए.

अपने गांव से सेना में अफसर बनने वाले हैं छठे युवकपुणे में आयोजित एक खास समारोह में 121 कैडेट्स ने भारतीय सेना के अफसर बनने की शपथ ली, जिनमें डॉ. नितेश यादव भी शामिल थे. उनका यह चयन न केवल उनके लिए बल्कि उनके पूरे गांव मांचल के लिए गर्व का विषय है. डॉ. नितेश मांचल गांव से भारतीय सेना में अफसर बनने वाले छठे युवक हैं. इससे पहले गांव के पांच अन्य युवा भी सेना में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जिनमें कर्नल, मेजर, कैप्टन और लेफ्टिनेंट शामिल हैं.

फौज से रिटायर हैं पिता डॉ. नितेश को देशभक्ति की प्रेरणा अपने परिवार से मिली. उनके पिता, कंवर सिंह यादव, भारतीय सेना में नायक पद पर कार्यरत रह चुके हैं और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनकी माता, सविता यादव, एक गृहिणी हैं. डॉ. नितेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई, आवेश यादव को दिया है, जिन्होंने कोटा में रहकर उनकी पढ़ाई, कोचिंग और दिनचर्या का पूरा ध्यान रखा. आवेश ने हर कदम पर डॉ. नितेश का मार्गदर्शन किया और उनका उत्साह बढ़ाया.

डॉ. नितेश यादव की यह सफलता लोगों के लिए एक प्रेरणा है. सही मार्गदर्शन और परिवार के सहयोग से कठिन से कठिन लक्ष्य भी प्राप्त किया जा सकता है. उनके इस सफर ने यह साबित कर दिया कि यदि इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मंजिल कठिन नहीं होती.

ये भी पढ़ें…Nursing फील्ड में जबरदस्त भर्ती, 11,389 पदों पर आवेदन करने का मौका, 34000 से अधिक है सैलरीशिक्षक भी बच्चों की तरह ड्रेस कोड में आएंगे स्कूल, पहनने होंगे ये कपड़े, ऐसे करने वाला यह है पहला शहर

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj