कांगो फीवर से पहली मौत के बाद लोगों की बढ़ी चिंता, अलर्ट मोड में है स्वास्थ्य विभाग, पूरे गांव में जांच शुरू

जोधपुर:- जोधपुर में कांगो फीवर का मामला फिर से सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में चिंता बढ़ गई है. 51 साल की एक महिला, जो पशुपालन से जुड़ी थी, 3 सितंबर को बीमार हुई और बाद में अहमदाबाद में इलाज के दौरान 8 सितंबर को उसकी मौत हो गई. इसके बाद महिला के ब्लड सैम्पल जांच के लिए पुणे भेजे गए थे. देर रात मंगलवार को महिला की रिपोर्ट आई थी, जिसमें उसे कांगो फीवर की पुष्टि हुई थी. महिला के गांव नांदड़ा कला में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और उनके परिजनों और आसपास के ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं.
ब्लड सैम्पल जांच के लिए पुणे से आई महिला की रिपोर्टडिप्टी CMHO डॉ. प्रीतम सिंह ने लोकल 18 को बताया कि महिला का इलाज पहले जोधपुर के MDM हॉस्पिटल में किया गया था, लेकिन जब उनकी स्थिति बिगड़ी, तो उन्हें अहमदाबाद के स्टर्लिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. इसके बाद महिला के ब्लड सैम्पल जांच के लिए पुणे भेजे गए थे. देर रात मंगलवार को महिला की रिपोर्ट आई थी, जिसमें उसे कांगो फीवर की पुष्टि हुई थी. महिला के गांव नांदड़ा कला में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और उनके परिजनों और आसपास के ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं.
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पशुपालन से जुड़ी थी महिलाकांगो फीवर का खतरा विशेष रूप से उन लोगों में अधिक होता है, जो पशुओं के साथ रहते हैं, क्योंकि यह रोग एक परजीवी ‘हिमोरल’ के माध्यम से फैलता है. जोधपुर में कांगो फीवर का यह मामला 2019 के बाद का पहला मामला है और इससे पहले भी 2014 में इसके मामले सामने आ चुके हैं. पशुओं की चमड़ी के चिपके रहने वाला ‘हिमोरल’ (किलनी) नामक परजीवी इस रोग को बढ़ाता है. कांगो फीवर को संक्रमण से रोगी को बुखार का एहसास होता है और उसके शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 17:08 IST