Agriculture News: अमेरिकन मक्का ने किया कमाल, राजस्थान के इस किसान के आए अच्छे दिन
रिपोर्ट: मनमोहन सेजू
बाड़मेर. एक जमाना हुआ करता था जब सरहदी बाड़मेर- जैसलमेर में महज बाजरा का उत्पादन हुआ करता था और जब कभी भी कुछ अच्छी बरसात होती थी तो थोड़ा बहुत मूंग,मोठ और तिलहन का उत्पादन हो जाता था. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. खेती में नवाचार और सरहदी बाड़मेर के कई इलाकों में भूगर्भ में मिले अच्छे पानी से खेतिहारों ने कई फसलों को अपने खेतों में उपजाना शुरू कर दिया है जिनमें से एक है अमेरिकन कॉर्न.
बाजारों, बड़े शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स में बिकने वाले स्वीट कॉर्न का आधार अब बाड़मेर के खेतों में लहलहाता नजर आता है. बाड़मेर के प्रगतिशील किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने मिठड़ी स्थित अपने खेत मे अमेरिकन कॉर्न की फसल को उपजाया है.
आपके शहर से (जयपुर)
बाड़मेर के किसान उम्मेदाराम का कहना है कि एक पौधे पर दो मक्के लगते हैं. जिसका वजन करीब एक किलो से ऊपर होता है. वह बताते हैं कि देशी मक्का आकार में छोटा होता है जिससे उतने दाम नहीं मिलते हैं. बाड़मेर की कृषि मंडी में 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच देते हैं. इससे उनको उनकी उपज का दाम घर के पास ही मिल जाता है.
3300 रुपये किलो मंगवाया था बीज
उनका कहना है कि बड़े-बड़े शहरों व होटलों में 150 रुपये प्रति प्लेट अमेरिकन कॉर्न की बिक्री हो रही है. बाड़मेर के किसान उम्मेदाराम बताते हैं कि उन्होंने 3300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उदयपुर से ऑनलाइन बीज मंगवाया था. महज एक बीघा जमीन से उन्होंने करीब 40 हजार रुपये का अमेरिकन मक्का बेच दिया है. सबसे बड़ी बात है कि इस खेती में ऑर्गेनिक खाद का उपयोग किया गया है. जिससे इसकी गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं हुआ है.
उम्मेदाराम का कहना है कि बाड़मेर में किसानों के पास बहुत लंबे चौड़े खेत हैं. बस जरूरत है सोच समझ कर अपने खेत की मिट्टी के हिसाब से उपज लगाने की. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र सरीखे आधार बहुत कुछ जानकारी भी उपलब्ध करवाते है. प्रजापत की उपज देखने वालों की आज उनके खेत मे कतारे नजर आती है जोकि यकीनन उनकी मेहनत को सिद्ध करती है.
दरअसल देशी भुट्टे और अमेरिकन कॉर्न दोनों के बीच एक बड़ा अंतर है. चूंकि अमेरिकन स्वीट कॉर्न चुनिंदा बीजों के जरिए उगाया जाता है, इसलिए यह सभी को साल के 12 महीने या कहें हमेशा ही बाजार में उपलब्ध होता है. यही वजह है कि आपको और हमको सिनेमा घरों में या मॉल में स्वीट कॉर्न के स्टॉल्स नजर आते हैं. जिसके चलते बाजार में इसकी मांग बनी हुई रहती है वहीं, देशी वेरायटी वाला भुट्टा केवल बारिश के दौरान ही उपलब्ध होता है, इसलिए किसानों के लिए अमेरिकन कॉर्न की पैदावार काफी किफायती भी रहती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Barmer news, Rajasthan news in hindi
FIRST PUBLISHED : January 19, 2023, 11:23 IST