Rajasthan

Agriculture News : खैरथल की मिट्टी में बिगड़ा संतुलन, फसल बचाने के लिए किसानों को दी जांच की सलाह

Last Updated:October 16, 2025, 12:09 IST

Alwar news Hindi : खैरथल अनाज मंडी स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जिले भर की मिट्टी और पानी की जांच तेजी से की जा रही है. अधिकारी कैलाश सैनी के अनुसार, खैरथल-तिजारा की मिट्टी में अम्लीयता और क्षारीयता की समस्या सामने आई है. किसानों को रबी फसलों की बुवाई से पहले जांच कराने की सलाह दी गई है ताकि उपज और गुणवत्ता दोनों बेहतर हों.

अलवर : खैरथल अनाज मंडी स्थित मिट्टी प्रशिक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी और पानी की जांच का कार्य तेजी से किया जा रहा है. एग्रीकल्चर रिसर्च ऑफिसर एवं प्रभारी अधिकारी कैलाश सैनी ने बताया कि खैरथल-तिजारा जिले की जमीन में अम्लीयता और क्षारीयता की अधिकता पाई गई है. इस कारण किसानों को उनकी मिट्टी और बोरवेल के पानी की जांच करवाने की सलाह दी जा रही है ताकि फसलों की पैदावार को बेहतर बनाया जा सके. सैनी ने बताया कि जिले के विभिन्न इलाकों में मिट्टी की स्थिति अलग-अलग पाई गई है.

टपूकड़ा क्षेत्र के कुछ गांवों की मिट्टी में अम्लीयता और क्षारियता (pH) की मात्रा अधिक पाई गई है, जबकि किशनगढ़ बास और मुंडावर क्षेत्र में जैविक कार्बन, जस्ता और लोहा की कमी देखी गई है. वहीं तिजारा क्षेत्र में मिट्टी में जैविक कार्बन और जस्ता की कमी दर्ज की गई है. प्रभारी अधिकारी ने बताया कि रबी सीजन की फसल बुवाई से पहले किसानों को अपनी खेत की मिट्टी और बोरवेल के पानी की जांच अवश्य करवानी चाहिए. इससे उन्हें मिट्टी की पोषक स्थिति की सटीक जानकारी मिलेगी और फसल की उपज में सुधार के साथ रोगों से भी बचाव संभव होगा.

मिट्टी जांच रिपोर्टप्रभारी अधिकारी ने बताया कि खेत की मिट्टी में पीएच (अम्लीयता-क्षारीयता) का उपयुक्त स्तर 7.0 से 8.5 के बीच और लवणता (E.C.) का स्तर 1.5 तक होना चाहिए. जैविक कार्बन का स्तर 0.75 प्रतिशत से अधिक, फास्फोरस का स्तर 56 किलो प्रति हेक्टेयर से अधिक, और पोटाश का स्तर 336 किलो प्रति हेक्टेयर से अधिक रहना आदर्श माना जाता है. वहीं द्वितीयक व सूक्ष्म पोषक तत्वों में सल्फर का स्तर 10.0 पीपीएम या अधिक, जस्ता का 0.6 पीपीएम या अधिक, लोहा का 4.5 पीपीएम या अधिक, मैंगनीज का 2.0 पीपीएम या अधिक, तांबा का 2.0 पीपीएम या अधिक तथा बोरोन का 0.5 पीपीएम या अधिक होना चाहिए.

किसानों को सलाहसैनी ने कहा कि मिट्टी जांच रिपोर्ट के बाद किसानों को खेत की उर्वरता बढ़ाने और फसलों के लिए उपयुक्त खाद व पोषक तत्वों के उपयोग संबंधी वैज्ञानिक सलाह दी जा रही है, जिससे किसान वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें. इसी लैब में पानी की भी जांच की जाती है.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Alwar,Rajasthan

First Published :

October 16, 2025, 12:09 IST

homeagriculture

खैरथल की मिट्टी में बढ़ी अम्ल-क्षार मात्रा, किसानों को जांच की सलाह

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj