Agriculture News: बर्बाद हो जाएंगे खेत… ये रोग गेहूं की फसल का जानी दुश्मन, समय रहते बचाव से होगी बेहतर पैदावार!

Last Updated:October 30, 2025, 22:34 IST
Bhilwara News: भीलवाड़ा में रबी सीजन में गेहूं की बुवाई तेज है, कृषि विभाग ने खंडवा रोग से बचाव के लिए बीज उपचार और निगरानी की सलाह दी है, जिससे उत्पादन 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
भीलवाड़ा. जिले में इस समय रबी सीजन की तैयारियां जोरों पर हैं. खेतों में किसान दिन-रात मेहनत कर गेहूं की बुवाई में जुटे हुए हैं. लेकिन इसी बीच कृषि विभाग ने किसानों को चेताया है कि गेहूं की फसल में लगने वाला खंडवा रोग एक गंभीर समस्या बन सकता है. यदि समय रहते इसका बचाव नहीं किया गया तो फसल की पैदावार पर भारी असर पड़ सकता है. यह रोग फफूंद जनित होता है और मुख्य रूप से संक्रमित बीजों के माध्यम से फैलता है. ऐसे में किसानों के लिए जरूरी है कि वे बुवाई से पहले बीज उपचार को प्राथमिकता दें ताकि रोग का संक्रमण शुरू से ही नियंत्रित रहे और उत्पादन पर असर न पड़े.
रबी सीजन के आगाज के साथ ही भीलवाड़ा सहित आस-पास के इलाकों में गेहूं की बुवाई का काम तेजी से चल रहा है. जिले के कई क्षेत्रों में किसानों ने खेतों की जुताई और सिंचाई का काम पूरा कर लिया है. वहीं कृषि विभाग लगातार किसानों को सलाह दे रहा है कि वे बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें और रोगग्रस्त या संदिग्ध बीजों का प्रयोग न करें. कृषि विभाग के अनुसार खंडवा रोग एक ऐसी फफूंदजनित बीमारी है जो बीजों के माध्यम से एक खेत से दूसरे खेत तक फैलती है. यह रोग विशेष रूप से ठंडे और नम मौसम में तेजी से पनपता है.
बीज उपचार से फसल को बचाया जा सकता हैकृषि विभाग के संयुक्त निदेशक इंद्र सिंह संचेती ने बताया कि रबी सीजन में किसान सबसे ज्यादा गेहूं की बुवाई करते हैं और इस समय फसल की तैयारी का दौर चल रहा है. आमतौर पर गेहूं की फसल में खंडवा रोग एक प्रमुख समस्या के रूप में देखा जाता है. इसके कारण गेहूं का उत्पादन घट जाता है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यदि किसान चाहें तो इस रोग को पहले ही जड़ से खत्म कर सकते हैं, बस कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें और संदिग्ध बीजों का प्रयोग न करें. खंडवा रोग बीजों से फैलता है और इसका सबसे अधिक असर फसल की बालियों पर दिखता है. सामान्य दाने बनने की बजाय काले रंग की चूर्ण जैसी फफूंदी बन जाती है. धीरे-धीरे पूरी बाली सूखकर उड़ जाती है और उसमें दाने नहीं बनते, जिससे उत्पादन पर भारी असर पड़ता है.
बुवाई से पहले करें ये कामरोगग्रस्त फसल न केवल उत्पादन घटाती है बल्कि भविष्य के लिए बीज को भी अनुपयोगी बना देती है. अगर किसान बिना उपचार के बीज बो देते हैं तो रोग अगले सीजन में भी बना रहता है. इसलिए हर किसान को बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशी दवाओं जैसे कार्बेन्डाजिम या थायरम (2.5 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करना चाहिए. यह उपाय न केवल खंडवा रोग से बचाव करेगा बल्कि अन्य बीजजनित रोगों को भी रोकने में मदद करेगा. थोड़ी सी सावधानी बरतने पर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. रबी सीजन में यदि शुरुआत से ही सही तैयारी की जाए तो गेहूं की फसल से 20 से 25 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन संभव है.
किसान करते हैं यह सबसे बड़ी गलतीकृषि विभाग के अधिकारी इंद्र सिंह संचेती ने बताया कि कई किसान रोग के शुरुआती लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं जिससे यह तेजी से फैल जाता है. खेतों में नियमित निगरानी जरूरी है. यदि फसल में कोई संदिग्ध लक्षण दिखे जैसे बालियों का काला पड़ना, दानों में गंध आना या फफूंदी बनना तो तुरंत कृषि अधिकारी या वैज्ञानिक से संपर्क करें. उन्होंने यह भी कहा कि रोगग्रस्त फसलों के अवशेषों को खेत में न छोड़ना अत्यंत आवश्यक है. यदि किसान संक्रमित पौधों को खेत में ही सड़ा देते हैं तो मिट्टी में रोग के बीजाणु लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं और अगली फसल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए रोगग्रस्त पौधों को खेत से बाहर निकालकर नष्ट करना ही सबसे सही उपाय है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Bhilwara,Rajasthan
First Published :
October 30, 2025, 22:34 IST
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बर्बाद हो जाएंगे खेत… ये रोग गेहूं की फसल का जानी दुश्मन, समय रहते करें बचाव



