Agriculture News: कम लागत में ज्यादा मुनाफा! किसानों के लिए वरदान बनी सिंधी सुवा, जानें कैसे करें खेती

नागौर. सिंधी सुवा एक औषधीय गुणों वाली फसल है. बहुत कम पानी में भी आसानी से हो जाती है, इसलिए नागौर जिले में बहुतायत मात्रा में इसकी खेती होती है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि सिंधी सुवा सौंफ की एक स्थानीय किस्म है, कम पानी में बेहतर उपज देने और औषधीय और अपने स्वाद गुणों के कारण बाजार में इसकी मांग रहती है. किसानों के अनुसार, यह फसल पारंपरिक फसलों की तुलना में कम जोखिम वाली है. इस फसल में किसानों का अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
सिंधी सुवा रबी मौसम में बोई जाती है. इसकी खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी या बलुई-दुमट मिट्टी उपयुक्त रहती है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के अनुसार, इसके बीज बोने से पहले खेत की सूक्ष्म जुताई और जैविक खाद का प्रयोग फायदेमंद होता है. बीज दर प्रति हेक्टेयर सीमित होती है और रोपाई की दूरी 30 से 45 सेन्टीमीटर के बीच रखी जाती है ताकि पौधों को हवा और पोषण मिल सके. सिंथेटिक सिंचाई की बजाए ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत और बढ़िया फसल मिलती है, पर पारंपरिक नलकूप सिंचाई भी अपनाई जाती है.
कम लगात में मिलती है बेहतर उपज
सिंधी सुवा की फसल में मुनाफा फसल की गुणवत्ता, बीज व खाद की लागत और बाजार की मांग पर निर्भर करता है. इसमें लागत कम होने के कारण किसानों को प्रति हेक्टेयर अच्छा लाभ मिल सकता है, खासकर यदि वे ड्राईड फसल प्रबंधन और समय पर कटाई करके बीज का उत्पादन अधिक हो तो किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. इसके जैविक या खुशबूदार बीज की मांग बढ़ने पर दाम और बेहतर मिलते हैं. इस खेती में कटाई से पहले मौसम साफ होना चाहिए ताकि बीज में नमी कम रहे.
सिंधी सुवा फसल को रोगों से ऐसे बचाएं
इसके अलावा रोगों में पत्ती का पीला होना, फफूंदी और एफिड्स पर नजर रखनी चाहिए, समय पर जैविक या रासायनिक उपचार आवश्यक है. नाइट्रोजन की मात्रा नियंत्रित रखें वरना पौधा अधिक हरा-भरा होकर बीज कम देगा. पालेले बीज को अच्छी तरह सुखाना, क्लीनिंग और ग्रेडिंग करके पैकेजिंग करने से कीमतें बेहतर मिलती हैं. नागौर के सिंधी सुवा की डिमांड राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के घरेलू मसाला बाजारों में है. शहरी खाद्य और मसाला उद्योग, तेल-उद्योग और आयुर्वेदिक दवाइयों में भी इसकी मांग बनी रहती है.
औषधीय गुणों से भरपूर है सिंधी सुवा
आपको बता दें कि, सिंधी सुवा एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में लंबे समय से किया जा रहा है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि इसके बीज, पत्तियां और तना कई स्वास्थ्य लाभ देते हैं. सिंधी सुवा पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और गैस, पेट दर्द, अपच जैसी समस्याओं में बेहद असरदार है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर में सूजन कम करने में मदद करते हैं. यह रक्तचाप को नियंत्रित रखता है और दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है.
इसके सेवन से महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी दर्द में राहत मिलती है. नवजात शिशुओं को पेट दर्द या गैस की समस्या होने पर इसके पानी की कुछ बूंदें दी जाती है. साथ ही, सिंधी सुवा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, वजन घटाने और नींद में सुधार करने में भी उपयोगी है. प्राकृतिक औषधि के रूप में इसका नियमित सेवन शरीर को तंदुरुस्त और ऊर्जावान बनाए रखता है.



