Agriculture Tips: सरसों और राई पर मंडराने लगा है रोगों का खतरा, तुरंत करें ये काम, वरना फसल हो जाएगी बर्बाद

Last Updated:October 30, 2025, 12:58 IST
Mustard Disease Management Tips: नागौर जिले में रबी सीजन के दौरान सरसों और राई की फसलों में व्हाइट ट्रस्ट और एपिड एवं जैसिड जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं. इन रोगों के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इन बीमारियों से बचाव के लिए कार्बेन्डिजम या मेकोजम दवा का छिड़काव 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए. साथ ही समय पर बुवाई और संतुलित सिंचाई से भी फसल को इन रोगों से बचाया जा सकता है.
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नागौर. राजस्थान के नागौर जिले में रबी के सीजन में जीरा, ईसबगोल, गेहूं, राई और सरसों की खेती बहुत अधिक मात्रा में होती है. यहां के किसान उन्नत तरीके से इन फसलों की खेती करते हैं. लेकिन नागौर क्षेत्र में पानी की कमी होने की वजह से इन फसलों में रोग भी देखने को मिलता है, कई बार तो ऐसी स्थिति होती है कि पूरी फसल रोग के चपेट में आने से किसानों को भारी नुकसान होता है.
रोग की पहचान कैसे करें
सरसों और राई की फसल में होने वाले रोग को आम भाषा में सफेद रोली रोग कहते हैं, जो ज्यादातर मारवाड़ के क्षेत्र में देखने को मिलता है. इसकी पहचान की बात करें, तो पत्तियों के नीचे के स्तर पर सफेद रंग के गोल फफोले दिखाई देते हैं. बाद में सरसों के फूल व फलियों में इसकी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है और फूल व पत्तियों में विकृत बढ़ोत्तरी दिखाई देती है.
फसल को रोग से कैसे बचाएं
कृषि विशेषज्ञ शंकर लाल ने बताया कि किसानों को फसल को रोग से बचाने के लिए खेत में कार्बेन्डिजम / मेकोजम नामक दवाई का उपयोग करना चाहिए. इस दवाई का उपयोग 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या एक हेक्टयेर में 1 किलो दवाई की मात्रा 500 लीटर पानी के साथ मिक्स करके छिड़काव करना चाहिए.
एपिड या जैसिड रोग से फसल को ऐसे बचाएं
सरसों में यह रोग देरी से बुवाई या ज्यादा सिंचाई की वजह से लग जाता है. इसकी पहचान की बात करें, तो पत्तियों के किनारे का रंग पीला पड़ना और फिर पत्तियों का मुड़ जाना इस कीट के प्रकोप के मुख्य लक्षण है. यह लक्षण पादप रस की कमी के कारण व कीट की जहरीली लार के पत्तियों में प्रवेश करने के बाद होता है. इससे बचने के लिए किसान दो प्रकार से उपाय कर सकते हैं. इसके लिए एसटाप्रीड 20% WPC या हमीडा क्लोरोफिड 17.8%SL नामक दवाई का उपयोग करना चाहिए. इसके अलावा मिक्स माइक्रोट्रेट सड़ी गली खाद के साथ छिड़काव करना चाहिए, परन्तु सिंचाई से पहले ये उपाय अपनाना चाहिए.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
October 30, 2025, 12:58 IST
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सरसों पर मंडराने लगा है रोगों का खतरा, इस उपाय से फसल रहेंगे सुरक्षित



