Agriculture Tips: फसलों की कटाई के तुरंत बाद खेतों में जरूर करें ये काम, आने वाली फसल से मिलेगी बंपर पैदावार

Last Updated:April 13, 2025, 08:50 IST
Agriculture Tips: एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों को खुला छोड़कर ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करना बहुत जरूरी है. इससे खेत की ऊपरी परत के नीचे जमी हुई कठोर सतह टूटती है. वर्…और पढ़ेंX
फसलों की कटाई का कार्य अंतिम चरण में है.
इन दिनों सीकर सहित पूरे राजस्थान में रबी फसलों की कटाई का कार्य अंतिम चरण में है. सीकर के कई इलाकों में तो फसलों की अगेती बुवाई होने के कारण जहां कटाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. वहीं, कुछ इलाकों में कार्य अभी जारी है. इसको लेकर कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद खेतों की गहरी जुताई करना किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है. यह प्रक्रिया मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ खरीफ फसलों की बेहतर पैदावार भी बढ़ती है.
गहरी जुताई करना बहुत जरूरीएग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों को खुला छोड़कर ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करना बहुत जरूरी है. इससे खेत की ऊपरी परत के नीचे जमी हुई कठोर सतह टूटती है. वर्षा का जल जमीन में गहराई तक प्रवेश करता है. जिससे भूमिगत जलस्तर में भी सुधार होता है. इस प्रक्रिया से मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है. जिससे लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता बढ़ती है. गहरी जुताई से खेतों में पड़ी तेज धूप सीधे मिट्टी पर प्रभाव डालती है, जिससे उसमें छिपे हानिकारक कीट, पतंगे, रोगाणु और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाते हैं. इससे खरीफ फसलों के दौरान कीटों और बीमारियों का प्रकोप काफी हद तक कम हो जाता है. इससे किसानों को रासायनिक कीटनाशकों व दवाओं पर खर्च भी कम करना पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादन लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है.
कीटनाशकों पर निर्भरता कम उन्नत किसान सोना राम ने बताया कि यदि किसान रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद गहरी जुताई करते हैं. आगामी खरीफ सीजन में उन्हें रासायनिक खाद व कीटनाशकों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी. यह कदम प्राकृतिक खेती और सतत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने वाला भी साबित हो सकता है. इस समय खेतों की जुताई जरूर करनी चाहिए और खरीफ फसलों के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए.
MSP पर खरीद 10 अप्रेल से शुरूराजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों और चना की खरीद 10 अप्रेल से शुरू होगी. इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस साल राज्य में सरसों का लगभग 62 मीट्रिक टन एवं चने का लगभग 23 लाख मीट्रिक टन उत्पादन संभावित है. इसके अलावा राज्य में सरसों की 13.89 लाख मीट्रिक टन एवं चने की 6.30 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जाएगी. सरसों एवं चना विक्रय के लिए किसान ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन करवा सकेंगे. पंजीयन के लिए किसानों को गिरदावरी एवं पासबुक पंजीयन फॉर्म के साथ अपलोड करनी होगी. खरीद बायोमीट्रिक आधार पर की जाएगी.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
April 13, 2025, 08:50 IST
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फसलों की कटाई के तुरंत बाद खेतों में जरूर करें ये काम, बंपर होगी पैदावार