Ahoi Ashtami Vrat importance How to worship Ahoi Mata puja vidhi know Ahoi Ashtami katha | Ahoi Ashtami Vrat: कैसे करते हैं अहोई माता की पूजा, जान लें अहोई अष्टमी कथा

भोपालPublished: Nov 05, 2023 04:17:52 pm
Ahoi Ashtami Vrat importance दिवाली से आठ दिन पहले कार्तिक कृष्ण अष्टमी पर अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है। अहोई माता को समर्पित यह व्रत माताएं बेटों की मंगल कामना को लेकर करती हैं। इसमें भोर से लेकर गोधूलि बेला तक व्रत करती हैं। इस व्रत की यह है पूजा विधि और अहोई अष्टमी व्रत कथा..
अहोई अष्टमी पूजा विधि
अहोई अष्टमी का महत्व
अहोई अष्टमी का व्रत माता अहोई या देवी अहोई को समर्पित है। इस व्रत को कृष्णाष्टमी नाम से भी जाना जाता है। साथ ही अरुणोदय से पहले मथुरा के राधाकुंड में स्नान कर कुष्मांडा देवी की पूजा भी की जाती है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए अहोई माता की पूजा करती हैं और सुबह से शाम तक (गोधूलि बेला तक) व्रत रखती हैं। इसके बाद तारों को देखकर व्रत खोलती हैं। कुछ लोग चंद्रमा को देखकर भी व्रत खोलती हैं। इस दिन को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि अहोई अष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि के दौरान किया जाता है जो चंद्र माह का आठवां दिन है। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत होती है, उनका अक्सर गर्भपात हो जाता है या उनको बेटा नहीं होता है वे भी अहोई अष्टमी के दिन पूजा करती हैं।