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चमत्कार! जोधपुर में डॉक्टरों ने किया पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मरीज को मिली नई ज़िंदगी!

Last Updated:March 03, 2025, 16:53 IST

एम्स जोधपुर में पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट सफल रहा. 43 वर्षीय मरीज का ऑटोलॉगस हेमटोपॉयटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (एएससीटी) किया गया. यह उपलब्धि पश्चिमी राजस्थान में रक्त कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित ह…और पढ़ेंचमत्कार! जोधपुर में डॉक्टरों ने किया पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट

मरीज के साथ एम्स के डॉक्टरों की टीम

जोधपुर- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जोधपुर में पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. 43 वर्षीय मरीज, जो मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित था, सफल ऑटोलॉगस हेमटोपॉयटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (एएससीटी) किया गया. मरीज को 20 दिन आइसोलेशन में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई. इस प्रक्रिया की सफलता के बाद अब ल्यूकेमिया से ग्रसित बच्चों के भी बोन मैरो ट्रांसप्लांट किए जाएंगे.

क्या है एएससीटी प्रक्रिया?ऑटोलॉगस हेमटोपॉयटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (एएससीटी) की प्रक्रिया में मरीज के अपने ही स्टेम सेल को एकत्र किया जाता है, जिसे एपेरेसिस कहा जाता है. पहले दवाइयों की सहायता से इन कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाया जाता है. एकत्रित स्टेम कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों में संग्रहित किया जाता है. इसके बाद मरीज को उच्च खुराक वाली कीमोथेरेपी दी जाती है, जो कैंसर कोशिकाओं और मौजूदा बोन मैरो को नष्ट कर देती है. फिर एकत्रित स्टेम कोशिकाओं को मरीज के शरीर में वापस डाला जाता है, जो 2-3 सप्ताह के भीतर एक नया बोन मैरो विकसित करती हैं.

अब मरीजों को नहीं करनी होगी लंबी यात्राहेमटोपॉयटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की सुविधा पश्चिमी राजस्थान में लंबे समय से आवश्यक थी. पहले मरीजों को इस जीवनरक्षक उपचार के लिए दिल्ली, मुंबई या अन्य बड़े शहरों की यात्रा करनी पड़ती थी. अब एम्स जोधपुर ने इस महत्वपूर्ण सुविधा को उपलब्ध करवा दिया है, जिससे स्थानीय मरीजों को किफायती और उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी.

डॉक्टरों ने कुशलक्षेम पूछने के बाद दी छुट्टीपहले बोन मैरो ट्रांसप्लांट के दौरान एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने उच्च स्तर की प्रक्रिया अपनाई. एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीडी पुरी और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेश देवनानी ने स्वयं मरीज की कुशलक्षेम जानी. मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि एम्स जोधपुर की यह उपलब्धि पश्चिमी राजस्थान में रक्त कैंसर मरीजों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी.


Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

March 03, 2025, 16:53 IST

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चमत्कार! जोधपुर में डॉक्टरों ने किया पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट

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