Airport: सिख यात्रियों की सुरक्षा जांच क्यों बनी चुनौती, नई व्यवस्था को लेकर क्या हैं CISF के सुझाव, जानें सबकुछ
नई दिल्ली. विमानन सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के बीच इन दिनों सिख यात्रियों की सुरक्षा जांच चर्चा का विषय बना हुआ है. सवाल यही है कि एयरपोर्ट्स पर इंट्रीग्रेटेड प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक (IPESC) सिस्टम लागू होने के बाद सिख यात्रियों की सुरक्षा जांच पुख्ता तौर पर कैसे होगी. दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का सबसे बड़ा कारण है अंतर्राष्ट्रीय नियम और सिख समुदाय की धार्मिक मान्यताओं के अंतर्गत आने वाला कृपाण.
विमानन सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फिलहाल भारतीय एयरपोर्ट्स पर कृपाणधारी सिख यात्रियों को लिए दो तरह के व्यवस्था हैं. पहला व्यवस्था घरेलू हवाई यात्रा पर जाने वाले कृपाणधारी सिख यात्रियों के लिए है, जबकि दूसरा व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए है. नियमों के तहत घरेलू हवाई यात्रा पर जाने वाले सिख यात्री अपने साथ कृपाण ले जा सकते हैं, लेकिन कृपाण के साथ अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध है.
ऐसे में, सुरक्षा एजेंसियों का सवाल है कि जब प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक इंट्रीगेटेड हो जाएगा, तब अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों की पहचान करना मुश्किल हो जाएगा. संभावना यह भी बनी रहेगी कि सुरक्षा जांच के बाद कोई घरेलू यात्रा पर जा रहा यात्री अपनी कृपाण अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर जा रहे यात्री को दे दे. ऐसी स्थित से बचने के लिए सभी यात्रियों पर एक साथ निगरानी रखपाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए लगभग असंभव सा है.
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दिल्ली एयरपोर्ट पर कृपाणधारी सिख यात्रियों की सुरक्षा जांच के लिए डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाने पर विचार किया जा रहा है. (प्रतीकात्मक चित्र)
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समस्या समाधान के लिए इस विकल्प पर चल रहा है विचार
सूत्रों के अनुसार, इंट्रीग्रेटेड प्री-इंबार्केशन सिक्योरिट चेक सिस्टम में कृपाणधारी सिख यात्रियों की पुख्ता सुरक्षा जांच के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने बेहतर विकल्प दिया है. इस विकल्प के तहत इंट्रीग्रेटेड प्री-इंबार्केशन सिक्योरिट चेक एरिया में इंटरनेशनल के साथ-साथ डोमेस्टिक पैसेंजर्स के लिए भी कृपाण प्रतिबंधित कर दिया जाए. नए व्यवस्था के तहत, फ्रिस्क्रिंग बूथ में तैनात सुरक्षा अधिकारी किसी भी यात्री को कृपाण के साथ सिक्योरिटी होल्ड एरिया में जाने की इजाजत न दे.
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कृपाणधारी सिख यात्रियों के लिए डेडिकेटेड कॉरिडोर की बात
इस व्यवस्था के लागू होने से कृपाण एक यात्री से दूसरे यात्री तक पहुंचने की संभावना खत्म हो जाएगी. इसके अलावा, इसी एरिया में ग्लास पार्टिशन के साथ एक ऐसा डेडिकेटेड कॉरिडोर हो, जो सीधे डोमेस्टिक सिक्योरिटी होल्ड एरिया (एसएचए) में खुलता हो. इस कॉरिडोर का इस्तेमाल घरेलू यात्रा पर जाने वाले कृपाणधारी सिख यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइन क्रू और एयरपोर्ट स्टाफ के लिए भी किया जा सकता है. इन यात्रियों के सुरक्षा जांच की बात कॉरिडोर के अंदर ही करने का सुझाव दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 13:43 IST