धान के खेतों के किनारे उगने वाला ये पौधा… दिमाग को बना देगा ‘चाचा चौधरी’ से तेज! बस ऐसे करें प्रयोग

Last Updated:October 16, 2025, 11:25 IST
Benefits of Mandukparni : धान के खेतों के किनारे उगने वाला यह साधारण-सा दिखने वाला पौधा वास्तव में दिमाग के लिए वरदान है. आयुर्वेद में इसे मंडूकपर्णी कहा जाता है, जो एक प्राकृतिक ब्रेन टॉनिक के रूप में जानी जाती है. डॉ. मोहिनी बताती हैं कि यह औषधि स्मरणशक्ति बढ़ाने, एकाग्रता सुधारने और मानसिक विकास के लिए अत्यंत प्रभावी है.
अलीगढ़. प्रकृति ने हमें अनेक ऐसे पौधे दिए हैं जिनमें अद्भुत औषधीय गुण छिपे हैं. को कई बीमारियों के इलाज़ के लिए बहुत काम आते हैं. इन्हीं में से एक है मंडूकपर्णी. (Centella Asiatica) यह एक ऐसा पौधा है जो न केवल मस्तिष्क को तीव्र बनाता है बल्कि मानसिक संतुलन और एकाग्रता बढ़ाने में भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है. आयुर्वेद में इसे ‘मस्तिष्क का अमृत’ कहा गया है. तो आइए जानते हैं आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. मोहिनी के अनुसार इस पौधे के फायदे और इस्तेमाल करने का तरीका.
डॉ. मोहिनी के अनुसार आयुर्वेद में मंडूकपर्णी को बुद्धि बढ़ाने वाली औषधि माना जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में बहुत प्रभावी है. मंडूकपर्णी के उपयोग से याददाश्त, एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है. यह अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे न्यूरोनल विकारों के इलाज में भी सहायक हो सकता है. यह एक बारहमासी रेंगने वाली जड़ी-बूटी है जो जमीन पर फैलती है. इसकी पत्तियां गुर्दे या पंखे के आकार की होती हैं, किनारे पर दांतेदार और लंबी डंठल वाली होती हैं. यह आमतौर पर नम और दलदली जगहों जैसे कि नदियों, तालाबों और धान के खेतों के पास पाया जाता है.
ऐसे करें प्रयोगडॉ. मोहिनी ने बताया कि मंडूकपर्णी एक उत्कृष्ट मस्तिष्क टॉनिक (ब्रेन टॉनिक) है. आयुर्वेद में इसे स्मरणशक्ति बढ़ाने, एकाग्रता सुधारने और मानसिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है. यह खासतौर पर उन बच्चों के लिए उपयोगी है जो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते या जल्दी चीजें भूल जाते हैं. मंडूकपर्णी का मुख्य रूप से रस के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके ताजे हरे पौधे को निचोड़कर उसका रस निकाला जाता है, जिसे दूध के साथ मिलाकर पिलाया जाता है. आमतौर पर इसकी मात्रा 10 से 20 मिलीग्राम (लगभग दो से चार चम्मच) तक दी जाती है.
हकलाहट दूर करने की अचूक दवाडॉ. मोहिनी का कहना है कि मंडूकपर्णी हकलाने या बोलने में कठिनाई वाले बच्चों के लिए भी अत्यंत लाभकारी औषधि है. ऐसे मामलों में इसे संखपुष्पी और बेल की जड़ के साथ मिलाकर शहद में चटाने से बहुत अच्छा परिणाम मिलता है. यह पौधा संपूर्ण रूप से औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इस का जड़, तना और पत्तियाँ सभी उपयोगी मानी जाती हैं. मंडूकपर्णी एक फैलने वाला पौधा है, जो प्राकृतिक रूप से जहां थोड़ी-सी नमी होती है, वहाँ तेजी से बढ़ जाता है. इस प्रकार यह एक संपूर्ण प्राकृतिक औषधि है, जो न केवल मस्तिष्क को मजबूत बनाती है बल्कि बच्चों की मानसिक शक्ति और बोलने की क्षमता को भी बेहतर करती है.
mritunjay baghel
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें
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Aligarh,Uttar Pradesh
First Published :
October 16, 2025, 11:25 IST
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