Ajab Gajab : सिरोही के इस गांव में गायें बताती हैं भविष्य… इस बार की दौड़ ने खोल दी अगले साल की किस्मत!

Last Updated:October 24, 2025, 16:33 IST
Sirohi News: सिरोही के वासा गांव में दीपावली बाद गायों की दौड़ से वर्ष की बारिश और खेती का अनुमान लगाया जाता है. इस बार पीले-भूरे रंग की गाय जीतने से शुभ संकेत माना गया है.
सिरोही. जिले में एक ऐसा गांव है जहां दीपावली के बाद आने वाले साल में कैसी बारिश और खेती होगी, इसका अनुमान गायों की दौड़ से लगाया जाता है. इस परंपरा में दौड़ में जीतने वाली गाय के रंग से आने वाले वर्ष का शुभ-अशुभ तय किया जाता है. जिले की पिंडवाड़ा तहसील के वासा गांव में गोवर्धन पूजा और भाई दूज के उपलक्ष्य में हर साल एक भव्य आयोजन होता है. इस कार्यक्रम को देखने के लिए वासा गांव के अलावा आसपास के कई गांवों से लोग एकत्रित होते हैं.
दीपावली के बाद पूरे गांव की ओर से सदियों से चली आ रही इस अनूठी परंपरा को निभाया जाता है. इसमें गौमाता की दौड़ के जरिए आने वाले साल का शगुन देखा जाता है. वासा गांव के मुख्य चौराहे पर सभी पशुपालकों की गायों को एकत्रित किया जाता है, जहां उनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है. गायों को रंग-बिरंगे फूलों की मालाओं और सुंदर सजावट से सजाया जाता है. इस आयोजन को सफल बनाने में ग्रामवासी, रोहिड़ा पुलिस और प्रशासन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.
हेर गीतों के साथ होती है दौड़ की शुरुआतगांव के माधुराम प्रजापति ने बताया कि इस आयोजन की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के हेर गीतों से होती है. पशुपालक और ग्रामीण मिलकर यह गीत गाते हैं, जो न केवल लोगों को बल्कि गायों को भी पसंद आते हैं. पूरा गांव भक्तिमय माहौल में डूब जाता है. ग्रामवासी गौमाता के लोकगीतों और ढोल-थाल की थाप पर झूमते हैं. इसके बाद गायों को एक साथ बाड़े से निकालकर उनकी दौड़ कराई जाती है. यह दृश्य पूरे गांव में उत्साह और उल्लास भर देता है.
पीले-भूरे रंग की गाय जीती, माना गया शुभ संकेतइस दौड़ में गौपालक भी गायों के साथ दौड़ते हैं. ग्रामीण मान्यता है कि जिस रंग की गाय सबसे आगे आती है, उसी के आधार पर आने वाले वर्ष के भाग्य का अनुमान लगाया जाता है. इस बार की दौड़ में पीले-भूरे रंग की गाय ने पहला स्थान प्राप्त किया है. ग्रामीणों के अनुसार यह रंग शुभता और समृद्धि का प्रतीक है. इसलिए माना जा रहा है कि आने वाला साल खुशियों से भरा रहेगा, अच्छी बारिश होगी और देश में शांति बनी रहेगी.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Sirohi,Rajasthan
First Published :
October 24, 2025, 16:33 IST
homerajasthan
इस गांव में गायें बताती हैं भविष्य… इस बार दौड़ ने खोल दी अगले साल की किस्मत



