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Last Updated:March 22, 2025, 15:11 IST
पाली के बांगड अस्पताल में सड़क हादसे में 15 साल की मनीषा का पैर कट गया. परिजन कटा पैर थैली में डालकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने पैर जोड़ने से मना कर दिया.X
14 वर्षीय बच्ची का कटा पैर लेकर पहुंचा भाई
हाइलाइट्स
मनीषा का पैर सड़क हादसे में कटा.डॉक्टर ने पैर जोड़ने से मना किया.परिवार पहले से ही परेशानियों में है.
पाली:- पाली के बांगड अस्पताल में अचानक एक युवक अपनी बहन का कटा पैर एक थैली में डालकर पहुंचा और चिकित्सकों से आग्रह करने लगा कि कृपया कर इसे वापस जोड़ दीजिए. इस तरह युवक के पहुंचने पर चिकित्सक भी हैरान रह गए कि आखिर ऐसा क्या हुआ. बाद में पता चला कि पाली में सड़क हादसे में 15 साल की लड़की का पैर कटकर अलग हो गया.
घबराए परिजन उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. लड़की के साथ उसके मामा का लड़का भी था, वह थैली में बहन का कटा पैर डालकर लाया था. परिवार के लोगों ने डॉक्टर से ऑपरेशन कर पैर जोड़ने के लिए कहा. लेकिन डॉक्टर ने पैर दोबारा जोड़ने के लिए मना कर दिया. डॉक्टर ने कहा कि पैर की ज्यादातर नसें डैमेज हो चुकी हैं. ऐसे में जुड़ना संभव नहीं है. हादसा जैतपुर गांव के पास हुआ.
टेंपो में बाहर पैर रखने से हुआ हादसा इस हादसे की शिकार हुई 14 वर्षीय मनीषा 11वीं क्लास में पढ़ती है. वह अपनी मां के साथ टेंपो में बैठकर अपने ननिहाल धोलैरिया शासन जा रही थी. टेंपो में करीब 8 से 10 सवारियां बैठी थी. इस दौरान वह टेंपो के गेट के पास बैठी थी और पैर बाहर निकला हुआ था. जैतपुर गांव के बाहर गैस सिलेंडर से भरी पिकअप तेज रफ्तार में टेंपो के पास से निकली. इस दौरान पिकअप की चपेट में आने से मनीषा का पैर टखने से नीचे का हिस्सा कटकर सड़क पर गिर गया. पैर कटते ही मनीषा जोर-जोर से चींखने और चिल्लाने लगी.
थैली में पैर डाल परिजन पहुंचे अस्पताल परिवार के लोगों ने मनीषा के पैर के कटे हिस्से को थैली में डाला और मनीषा को बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. परिजनों ने डॉक्टर से पैर का कटा हिस्सा जोड़ने के लिए कहा. लड़की की हालत देख डॉक्टर ने पैर दोबारा जोड़ने के लिए मना कर दिया. बांगड़ हॉस्पिटल के डॉ. सुखदेव चौधरी का कहना है कि मरीज का पैर जिस तरह से कटा है, उसे वापस जोड़ना संभव नहीं है. पैर की ज्यादातर नसें डैमेज हो चुकी हैं.
पिकअप ड्राइवर की लापरवाही ने बच्ची को किया अपाहिज एक छोटी सी गलती इंसान को जिंदगी भर के लिए कितनी भारी पड़ सकती है. मनीषा के मामा के लड़के विक्रम का कहना है कि पिकअप सवार ड्राइवर की लापरवाही से उसकी बहन अपाहिज हुई है. उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और परिवार को मदद मिलनी चाहिए. हालांकि अब इस पूरे मामले में क्या होता है, यह देखने वाली बात है.
परिवार पहले से है परेशान अस्पताल पहुंचे घायल छात्रा के रिश्तेदारों ने Local 18 को बताया कि मनीषा के पिता शंकरलाल की दिमागी हालत ठीक नहीं है. उनका जोधपुर के एक अस्पताल में उपचार भी चल रहा है. वे कभी कमठे पर तो कभी खेतों में मजदूरी करते हैं. मनीषा का एक 10 साल का छोटा भाई है. ऐसे में हादसे में बेटी के पैर का पंजा कटने से परिवार परेशानी में आ गया है.
First Published :
March 22, 2025, 15:11 IST
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बहन का कटा पैर थैली में लेकर अचानक अस्पताल पहुंचा भाई, डॉक्टर से कह दी ये बात