Ajab Gajab News | Rajasthan Viral Story | 80 Years Old Item | Vintage Treasure | Mod Aur Turra

Last Updated:November 03, 2025, 11:02 IST
Ajab Gajab News: राजस्थान के एक व्यक्ति के पास मौजूद 80 साल पुराना “मोड़ और तुर्रा” आज भी जस का तस सुरक्षित है. 1945 में इसे मात्र 50 रुपये में खरीदा गया था, और आज इसकी कीमत करीब 5 हजार रुपये है. यह विरासत न सिर्फ पुरातन कला का प्रतीक है बल्कि समय की कसौटी पर खरा उतरा उदाहरण भी.
बाड़मेर. बदलते जमाने में जहां चीजें कुछ सालों में ही पुरानी और बेकार समझी जाने लगती हैं वहीं बाड़मेर जिले के देवीसिंह अपने पूर्वजों की अमूल्य निशानी को आज भी बड़ी शान से संभाले हुए हैं. उनके पास करीब 80 साल पुराना “मोड़ और तुर्रा” है जिसे उनके दादा भूरसिंह ने साल 1945 में अपनी शादी के समय 50 रुपये में खरीदा था.
परंपराएं जब पीढ़ियों से संभाली जाएं तो वे केवल चीजें नहीं रहतीं है बल्कि विरासत बन जाती हैं. सरहदी बाड़मेर के देवीसिंह आज भी ऐसी ही एक विरासत को सहेजे हुए है. करीब 80 साल पुराना मोड़ और तुर्रा जिसे उनके दादा भूरसिंह ने 1945 में अपनी शादी के समय 50 रुपये में खरीदा था. तीन पीढ़ियों से यह मोड़ और तुर्रा परिवार की शान बना हुआ है.
1945 में 50 रुपये में खरीदा,आज कीमत 5 हजार रुपयेआज उस मोड़ और तुर्रे की कीमत भले ही 5000 रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है लेकिन देवीसिंह के लिए इसकी असली कीमत दादा की यादों और पारिवारिक विरासत में बसती है. वे बताते हैं कि उस समय 50 रुपये एक बड़ी रकम हुआ करती थी. आज भी यह मोड़ और तुर्रा पूरी तरह चमकदार और मजबूत है. देवीसिंह इसे समय-समय पर साफ करके कपड़े में लपेटकर रखते हैं.
मोड़ और तुर्रा के बिना अधूरी होती है शादीदेवीसिंह की इच्छा है कि आने वाली पीढ़ियां भी इसे संभाले रखें ताकि दादा की याद और परिवार की परंपरा जिंदा रहे. भूरसिंह की तीसरी पीढ़ी के प्रेमसिंह बताते हैं कि उस समय मोड़-तुर्रा केवल शादी पर पहना जाता था. बड़े दादा कहते थे कि मोड़ सिर की शोभा है और तुर्रा उसकी प्रतिष्ठा होता है.
80 साल से सहेज कर रखा है मोड़ और तुर्रा कोदिलचस्प बात यह है कि उस समय का 50 रुपये आज की कीमत में हजारों रुपये के बराबर माना जाता है लेकिन देवीसिंह कहते हैं कि हमारे लिए यह सोने से भी कीमती है क्योंकि इसमें हमारे परिवार की आत्मा बसती है. आज भले ही मॉर्डन लुक में मोड़ और तुर्रा आ गए है लेकिन पुराने जमाने की हाथ की कारीगरी आज भी खास है.
Jagriti Dubey
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
November 03, 2025, 11:02 IST
homerajasthan
80 साल पहले खरीदा था सिर्फ 50 रुपये में… आज भी वैसा ही ‘मोड़ और तुर्रा’



