शराब असली है या नकली? अब आसानी से चल जाएगा पता, चूना नहीं लगा पाएगा ठेका

Last Updated:May 21, 2025, 16:48 IST
राजस्थान आबकारी विभाग ने ‘राज एक्साइज सिटीजन’ ऐप लॉन्च किया, जो शराब की बोतल पर लगे QR कोड को स्कैन कर उसकी सत्यता बताएगा. नकली शराब पर लगाम लगाने की इस पहल की काफी तारीफ हो रही है. गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलो…और पढ़ें
नकली शराब पर लगाम लगाने की इस पहल की काफी तारीफ हो रही है
राजस्थान में शराब के शौकीनों के लिए एक राहत भरी खबर है. अब शराब की बोतल असली है या नकली, इसका पता रंग या स्वाद से नहीं, बल्कि मोबाइल फोन से चलेगा. राजस्थान आबकारी विभाग ने नकली और हानिकारक शराब पर लगाम लगाने के लिए ‘राज एक्साइज सिटीजन’ नामक एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. यह ऐप शराब की हर बोतल और पव्वे पर लगे QR कोड को स्कैन कर उसकी पूरी जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि बोतल का लेबल कोड, ब्रांड का नाम, निर्माता, पैक का आकार, अल्कोहल की मात्रा और निर्माण तिथि .इस पहल ने नकली शराब के कारोबार पर नकेल कसने और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.
क्या है ‘राज एक्साइज सिटीजन’ ऐप?‘राज एक्साइज सिटीजन’ ऐप को राजस्थान आबकारी विभाग ने अवैध शराब की बिक्री को रोकने और उपभोक्ताओं को नकली शराब के खतरों से बचाने के लिए विकसित किया है. इस ऐप को कोई भी व्यक्ति गूगल प्ले स्टोर से अपने स्मार्टफोन पर मुफ्त डाउनलोड कर सकता है. ऐप का उपयोग बेहद आसान है—उपभोक्ता को बस शराब की बोतल पर लगे QR कोड को स्कैन करना है या बोतल कोड नंबर मैन्युअल रूप से दर्ज करना है. स्कैन करने पर ऐप तुरंत बोतल की सत्यता की पुष्टि करता है. अगर QR कोड अमान्य पाया जाता है, तो उपभोक्ता ऐप के जरिए तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं. यह ऐप न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखता है, बल्कि आबकारी विभाग को नकली शराब के कारोबार पर निगरानी रखने में भी मदद करता है.
लॉन्च और उद्देश्य‘राज एक्साइज सिटीजन’ ऐप को 3 मई 2024 को लॉन्च किया गया था, और यह राजस्थान में ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस ऐप का मुख्य उद्देश्य नकली और गैर-कानूनी शराब की बिक्री को रोकना, उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना, और आबकारी कर की चोरी पर अंकुश लगाना है। उदयपुर में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस ऐप के जरिए उपभोक्ता अब शराब की बोतल की पूरी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकते हैं. यह पहल पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के समान ऐप्स से प्रेरित है, जहां ‘Excise QR Code Label Verification Citizen App’ और ‘UP Excise Citizen App’ ने नकली शराब पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है.
कैसे काम करता है ऐप?ऐप का उपयोग करने के लिए उपभोक्ता को शराब की बोतल पर लगे QR कोड को अपने फोन के कैमरे से स्कैन करना होता है. स्कैन करने पर ऐप बोतल की सत्यता की पुष्टि करता है और उसकी विस्तृत जानकारी प्रदर्शित करता है. अगर कोड अमान्य है, तो ऐप उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने का विकल्प देता है, जिसमें फोटो और अन्य विवरण शामिल किए जा सकते हैं. यह सुविधा आबकारी विभाग को त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम बनाती है. ऐप को एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किया जा सकता है, और यह उपयोगकर्ता की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है.
सामाजिक और कानूनी प्रभावनकली शराब की वजह से राजस्थान में कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें लोगों की जान गई है. यह ऐप उपभोक्ताओं को नकली शराब के खतरे से बचाने के साथ-साथ आबकारी विभाग को अवैध कारोबार पर नकेल कसने में मदद करेगा. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. यह पहल उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ाने और अवैध शराब के कारोबार को रोकने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
पुलिस और विभाग की अपीलआबकारी विभाग और राजस्थान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ‘राज एक्साइज सिटीजन’ ऐप का उपयोग करें और नकली शराब की शिकायत तुरंत दर्ज करें. विभाग ने 24×7 हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय आबकारी कार्यालयों पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है. लोगों से अनुरोध है कि वे शराब खरीदते समय QR कोड की जांच जरूर करें.
Sandhya Kumari
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें India पर देखेंhomerajasthan
शराब असली है या नकली? अब आसानी से चल जाएगा पता, चूना नहीं लगा पाएगा ठेका