महिलाएं पेश कर रही मिसाल, हाथ के हुनर से बना रही ये समान, आर्थिक रूप से हो रही मजबूत

अंकित राजपूत/जयपुर. महिलाएं जितनी आत्मनिर्भर बनेंगी देश भी उतनी ही तेजी से आगे बढेगा. खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता की जरूरत आज भी बरकरार है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं का जीवन हमेशा से पारिवारिक कामों में ही सिमट कर रह जाता है. लेकिन समय के बदलते स्वरूप और शिक्षा तकनीकी के प्रभाव ने महिलाओं को एक नई उड़ान दी है. आज गांव की महिलाएं घरों से बाहर निकल कर आत्मनिर्भर बन रही है. जयपुर से 50 किलोमीटर दूर अभयपुरा गांव की महिलाएं अपने हुनर से घर बैठे हजारों रूपये कमा रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन तेजी से आगे बढ़ रही है.
इस गांव की महिलाएं अपने हाथों के हुनर के दम पर समाज में अपनी पहचान बना रही है घर के काम झटपट निपटाकर वह अपने हुनर के काम में जुट जाती हैं. आज इस गांव की महिलाएं घर बैठे सजावटी सामान, कपड़े की सिलाई-बुनाई, हैंडीक्राफ्ट सामानों और अन्य तरीकों से हजारों रूपए कमा रही है. गांव की महिलाएं एक दूसरे को देख कर भी आगे बढ़ रही हैं. महिलाएं द्वारा बनाये गए, इन सजावटी सामानों को शहरों में ब्रिकी के लिए भेजा जाता है. इन महिलाओं को इनके कार्य का भुगतान प्रोडक्ट्स के बनते ही मिल जाता हैं. एक सजावटी झूमर पर 5 और 10 रूपये मिलते हैं और दिनभर में 100 से भी अधिक सजावटी झूमर बना लेती हैं. इसी काम से महिने भर में महिलाएं 10 से 12 हजार रूपए कमा रही हैं.
महिलाओं में सशक्तिकरण की क्रांति
ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी आज तेजी से शिक्षित हो रही हैं और सभी बंधनों को तोड़ कर वह आत्मविश्वास से आगे बढ़ रही हैं. आज गांव की महिलाएं अपने हुनर की कारीगरी से आगे बढ़ते हुए अपने परिवार में आर्थिक रूप से सहयोग कर रही. महिलाओं के इस बढ़ते कदमों को देखने गांव के पुरूष भी जागरूक हो गये हैं. एक समय था जब कभी अभयपुरा गांव सामाजिक कुरीतियों से लिप्त था और महिलाओं को सिर्फ घर के कामों में लगाकर रखा था और उन्हें किसी प्रकार की कोई आजादी नहीं थी उनका पूरा जीवन घर-गृहस्थी और पारिवारिक कामों में सिमट कर रह जाता था. लेकिन अब इस गांव की सूरत पूरी तरह से बदल गयी हैं और अब इस गांव की महिलाएं अपने हुनर के दम पर आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2023, 19:05 IST