‘गरीबों का बादाम’ मार्केट में आते ही मचा दी धूम, खरदीने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं लोग
चूरू. टाइम पास कहे जाने वाली मूंगफली सुहानी सर्दी में गर्मा-गर्म मिल जाए तो बात ही क्या. वैसे तो आपको शहर के हर एक चौक चौराहे पर मूंगफली बिकती हुई नजर आ जाएंगी, लेकिन शहर के कच्चे बस स्टैंड पर बिकने वाली ये मूंगफली बाकी शहर में बिकने वाली मूंगफली से खास है. जी हां देपालसर के सांवरमल सैनी को मूंगफली का ये कारोबार विरासत में मिला.
सैनी बताते हैं कि पहले उनके दादा और फिर उनके पिता और अब वह मुंगफली बेचते हैं और कामयाबी की कहानी भी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ी. सैनी के इस मूंगफली के कारोबार में आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. सैनी ने बताया उनके दादा और पिता ट्रेन में मूंगफली बेचते थे. फिर वह भी वही काम करने लगे. लेकिन अब शहर के कच्चे बस स्टैंड पर उनकी पक्की दुकान है, जहां सर्दियों के सीज़न में शहर में सबसे ज्यादा मूंगफली उनके यहां बिकती है. हालांकि, सांवरमल सैनी अब भी दिन में रतनगढ़ में साइकिल पर मूंगफली बेचते हैं.
सर्दी में रहती है डिमांडसैनी बताते हैं सर्दी के मौसम में उनके यहां रोज 30 से 40 किलो मूंगफली की खुदरा में बिक्री हो जाती है. शहर के दूर-दराज से उनके यहां लोग मूंगफली लेने विशेष तौर पर उनकी दुकान पर आते हैं. हर ग्राहक को समान भाव से देखने वाले सैनी ने बताया कि आधा किलो मूंगफली लेने वाले के लिए भी वहीं भाव तो 5 किलो लेने वाले के लिए भी. अगर आप भी उनकी दुकान से मूंगफली लेना चाहते हैं सिर्फ 100 रुपय प्रति किलो के हिसाब से ले सकते हैं. सर्दी के मौसम में सैनी के यहां मूंगफली लेने वाले ग्राहकों को अक्सर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.
FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 15:49 IST