Alwar Farmer Grows Organic Onions Using Neem, Chhachh & Camphor

Last Updated:November 02, 2025, 10:31 IST
Alwar News: अलवर जिले के खैरथल-तिजारा क्षेत्र के किसान अजीत फौजी ने तीन बीघा में प्याज की ऑर्गेनिक खेती कर एक उदाहरण पेश किया. उन्होंने रासायनिक खाद की जगह गोबर और वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया. नीम, छाछ और कपूर से तैयार जैविक घोल ने फसल को रोग-मुक्त रखा और बाजार में उच्च गुणवत्ता की प्याज तैयार की. उनका यह प्रयोग कम लागत और बेहतर गुणवत्ता वाली खेती के लिए अन्य किसानों को प्रेरित कर रहा है.
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अलवर में किसान ने नीम-छाछ-कपूर से उगाई ऑर्गेनिक प्याज, तीन बीघा खेत बनी मिसाल
Natural Farming in Rajasthan: अलवर जिले के खैरथल-तिजारा क्षेत्र में इस बार एक किसान ने देशी नुस्खों की मदद से ऑर्गेनिक प्याज की खेती कर मिसाल पेश की है. किशनगढ़ बास के छतरपुर गांव निवासी अजीत फौजी ने करीब तीन बीघा खेत में प्याज की बुवाई पूरी तरह जैविक तरीके से की है.
उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले रासायनिक खाद और कीटनाशक न केवल महंगे होते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसीलिए उन्होंने नीम, छाछ और कपूर जैसे देसी उपायों से प्याज की फसल तैयार करने का फैसला किया, जिससे उनका खर्च बचा और फसल की गुणवत्ता बढ़ी.
नीम, छाछ और कपूर से तैयार हुआ प्राकृतिक कीटनाशक मिश्रणकिसान अजीत फौजी ने खेत की तैयारी में गोबर की खाद और केंचुआ खाद (वर्मी कम्पोस्ट) का उपयोग किया, जो मिट्टी को पोषण प्रदान करते हैं.
इसके बाद उन्होंने फसल पर नीम, छाछ और कपूर के मिश्रण का छिड़काव किया, जो कीड़े-मकौड़ों और फंगस से फसल की रक्षा करता है.
छाछ का छिड़काव: यह प्याज की फसल में फंगस लगने से रोकता है और पौधों को पोषण देता है.
नीम और कपूर का मिश्रण: यह खेत में मौजूद हानिकारक कीड़ों को दूर भगाता है और प्याज को सड़ने से बचाता है.
गोबर और वर्मी कम्पोस्ट: ये मिट्टी की नमी बनाए रखते हैं और फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होते हैं.
खर्च में बचत, दाम में बढ़ोतरीअजीत फौजी का कहना है कि जैविक खेती से उत्पादन थोड़ा कम होता है, लेकिन प्याज की गुणवत्ता इतनी अच्छी होती है कि बाजार में बेहतर दाम मिल जाते हैं.
उन्होंने बताया कि एक बीघा खेत में करीब 80 से 90 मन प्याज तैयार होती है, जो सामान्य खेती की तुलना में थोड़ी कम जरूर है, परंतु पूरी तरह शुद्ध और स्वादिष्ट होती है. गुणवत्ता के कारण उनकी प्याज की मांग अधिक है.
अन्य किसानों के लिए संदेशअजीत फौजी ने अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया है: “खाद और रसायनों पर निर्भर रहना अब जरूरी नहीं. देसी नुस्खों से भी फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ाई जा सकती हैं. अगर किसान ऑर्गेनिक खेती अपनाएं तो मिट्टी, फसल और स्वास्थ्य — तीनों को लाभ होगा.” उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे कम से कम रासायनिक खाद का उपयोग करें और जैविक खेती के पारंपरिक तरीकों को अपनाएं.
Location :
Alwar,Alwar,Rajasthan
First Published :
November 02, 2025, 10:31 IST
अलवर के किसान ने नीम-छाछ-कपूर से तैयार की ऑर्गेनिक प्याज की फसल, बनी मिसाल



