Alwar News: बंपर पैदावार, फिर भी किसान ने क्यों डुबो दी नदी में अपनी फसल? पीछे की कहानी चौंका देगी!

Last Updated:October 28, 2025, 19:22 IST
Alwar News: चंदपुरा गांव के किसान सुरेश चंद मीना ने प्याज के खराब दाम और गलन के कारण तीन से चार ट्रॉली प्याज नदी में फेंकी, जिससे गांव में आक्रोश और चर्चा है.
अलवर. राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ उपखंड क्षेत्र से एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जो किसानों की बदहाली की हकीकत बयां करती है. चंदपुरा गांव में प्याज की फसल के खराब दाम और गलन के चलते एक किसान को मजबूर होकर अपनी मेहनत की उपज नदी में फेंकनी पड़ी. गांव चंदपुरा और पुनखर के बीच स्थित नदी में किसान ने करीब तीन से चार ट्रॉली प्याज पटक दी, जिससे गांव में चर्चा का माहौल है.
किसान सुरेश चंद मीना ने बताया कि इस बार प्याज की बंपर पैदावार हुई थी, लेकिन मंडियों में खरीदार नहीं हैं. हालात ऐसे हैं कि प्याज की कीमत लागत का भी आधा नहीं मिल रही. ऊपर से प्याज में गलन शुरू हो गई, जिससे उसे लंबे समय तक रखना भी संभव नहीं रहा. मजबूर होकर उन्होंने नदी में पूरी फसल फेंक दी. किसान ने कहा कि “एक बीघा में करीब पचास हजार रुपये तक का खर्चा आता है, लेकिन बाजार में इतनी कीमत भी नहीं मिल रही कि लागत निकल सके. ऐसे में प्याज खेत में सड़ने से अच्छा समझा कि उसे नदी में पटक दूं.”
मंडी में खरीदार नहीं, बंपर पैदावार बनी किसान की मुसीबतइस बार मौसम और सिंचाई की अनुकूलता के चलते प्याज की भरपूर पैदावार हुई, लेकिन बाजार में दाम न मिलने से किसानों की कमर टूट गई है. स्थिति यह है कि मंडियों में प्याज का भाव तीन से चार रुपये किलो तक पहुंच गया, जबकि किसानों का खर्च बीस रुपये प्रति किलो से अधिक बैठ रहा है.
सरकार से राहत की मांग, गांव में बढ़ा आक्रोशस्थानीय किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने तुरंत दखल नहीं दिया तो आने वाले दिनों में और किसान ऐसा ही कदम उठाने को मजबूर होंगे. किसानों ने प्याज की सरकारी खरीद शुरू करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है. गांव चंदपुरा और आसपास के इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बन गई है. ग्रामीणों का कहना है कि किसान की मेहनत का कोई मूल्य नहीं रह गया है. किसान सुरेश मीना की यह बेबसी पूरे क्षेत्र के किसानों का दर्द बयान करती है, जो बंपर पैदावार के बावजूद कर्ज और नुकसान के दलदल में फंसे हैं.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Alwar,Rajasthan
First Published :
October 28, 2025, 19:22 IST
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बंपर पैदावार, फिर भी किसान ने क्यों डुबो दी नदी में अपनी फसल? कहानी चौंका देगी



