Amazing IPS jodhpur police IG vikas kumar action

Last Updated:March 19, 2025, 14:48 IST
अपराधियों को पकड़ने के लिए फेमस जोधपुर रेंज के आईजी और उनकी साइक्लोनर टीम को एक और बड़ी सफलता उस वक्त हाथ लगी, जब ऑपरेशन छविश्राम के तहत 8 साल से फरार एक अपराधी रूपाराम को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली.X
फिल्मी अंदाज में अपराधी को पकड़ती साइक्लोन टीम
हाइलाइट्स
8 साल से फरार तस्कर रूपाराम गिरफ्तार.ऑपरेशन छविश्राम के तहत पुलिस को बड़ी सफलता.रूपाराम पर 35 हजार का इनाम घोषित था.
जोधपुर:- जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार और उनकी साइक्लोनर टीम ने एक बार फिर कई अपराधियों को पकड़ने का काम किया है. फिल्म सिंगम की तरह ही फिल्मी अंदाज में अपराधियों को पकड़ने के लिए फेमस जोधपुर रेंज के आईजी और उनकी साइक्लोनर टीम को एक और बड़ी सफलता उस वक्त हाथ लगी, जब ऑपरेशन छविश्राम के तहत 8 साल से फरार एक अपराधी रूपाराम को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली.
यह अपराधी भागने की कोशिश करने, लगा मगर पुलिस की गाड़ियों ने उन्हे घेर लिया और डंडा हाथ में लिए पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने उसे रोका, नाम पूछा और फिर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया. राजस्थान में हर किसी को इंतजार रहता है, तो केवल आईजी विकास कुमार का. उनकी मुस्तैदी और एक्शन का अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है.
8 साल से फरार था अपराधीजोधपुर रेंज पुलिस ने 2 जिलों के 35 हजार के इनामी को पकड़ा है. पुलिस की नाकाबंदी से बचने के लिए बीमार बनकर कार की अगली सीट पर लेटकर आ रहा था. पुलिस को देख जैसे ही उसके साथी ने कार भगाने की कोशिश की, तो दौड़कर पुलिस ने उसे पकड़ लिया. रेंज IG विकास कुमार ने बताया कि टीम ने इस मामले में आरोपी रूपाराम को गिरफ्तार किया है. वह 8 साल से फरार था.
ऑपरेशन छविश्राम के तहत किया गिरफ्तारऑपरेशन छविश्राम की जानकारी देते हुए रेंज आईजी विकास कुमार ने लोकल 18 को बताया कि रूपाराम पर पाली जिले की पुलिस ने 25,000 और भीलवाड़ा जिले की पुलिस ने 10,000 का इनाम घोषित किया था. आरोपी 15 सालों से तस्करी के कामों में लिप्त था. इसके खिलाफ SOG में भी मामले दर्ज हैं.
अमीर बनने की लालच ने अपराध की दुनिया में धकेलारुपाराम दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद पिता के पास रहकर खेती करने लगा. इसके बाद मकान बनाने के कामों के ठेकेदारी शुरू की. लेकिन, लालच और अमीर बनने की सनक में उसका संपर्क मारवाड़ के तस्करों से करा दिया. शुरुआत में वह तस्करों के लिए गाड़ी चलाने का काम करने लगा. फिर खुद का ही अफीम, MD, डोडा पोस्त और गांजा सप्लाई का काम शुरू कर दिया.
बीमारी का बहाना कर जा रहा था घररेंज आईजी विकास कुमार की मानें, तो आरोपी के मादक पदार्थ तस्करी का पहला मामला साल 2010 में चित्तौड़गढ़ में दर्ज हुआ था. इसके बाद पुलिस की ओर से इनामी अपराधी घोषित होने पर राजस्थान छोड़कर महाराष्ट्र के सोलर प्लांट में काम करने लगा. इधर राजस्थान में अपने गुर्गों के जरिए नेटवर्क बढ़ाता रहा. बाद में अपने गांव आने के लिए चित्तौड़गढ़ जिले को सेंटर बना लिया.
इधर आरोपी होली पर अपने गांव आने की प्लानिंग करने लगा. साइक्लोनर टीम की पकड़ से बचने के लिए उसने अपने गांव आने के लिए अपने दोस्तों को चित्तौड़गढ़ बुलाया और उसकी गाड़ी की अगली सीट पर बीमार बनकर लेटकर गांव आने लगा. इधर आरोपी के गांव आने की सूचना मुखबिर के जरिए टीम को मिल गई. इस पर पाली जिले के रास्ते के नाके पर साइक्लोनर टीम ने नाकाबंदी के दौरान आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी की गिरफ्तारी में कॉन्स्टेबल अशोक परिहार, अशोक कुमार और जोगाराम की विशेष भूमिका रही.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
March 19, 2025, 14:48 IST
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फिल्मी स्टाइल में चला धर-पकड़, आखिर में जोधपुर पुलिस ने इनामी अपराधी को दबोचा