Rajasthan

Amazing story of strange love Announcement of body donation

Last Updated:May 21, 2025, 16:11 IST

अक्सर सरकार लोगों को देहदान के लिए उत्साहित करती रहती है. वहीं कई बार लोग खुद से देहदान के लिए राजी हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ बाड़मेर में देखने को मिला. आइए पूरी घटना आपको बताते हैं.X
देहदान
देहदान का घोषणा पत्र सौपते हुए

हाइलाइट्स

नानकराम ने 50वीं सालगिरह पर देहदान की घोषणा की.पहली पत्नी की याद में दूसरी पत्नी के साथ देहदान.बाड़मेर में 108 लोगों ने देहदान की घोषणा की.

बाड़मेर:- कहते हैं कि प्रेम वह बुनियाद है, जिसपर जिंदगी की मीनार खड़ी होती है और यह प्रेम ही है, जिसकी याद इंसान ना केवल जिंदगी के साथ भी, बल्कि जिंदगी के बाद भी याद रखता है. ऐसा ही एक अनूठा वाकिया सामने आया, जब अपनी पहली पत्नी के साथ सात फेरे लेने के 50 साल पूरे होने पर एक शख्स ने देहदान की घोषणा की.

हालांकि उसकी पहली पत्नी की मौत को 38 साल हो गए थे, ऐसे में जिससे उसने दूसरी शादी की, वह भी देहदान की इस घोषणा में उसके साथ नजर आई है. बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में देहदान करने की घोषणा करने वाले जोड़े को देखकर पूरा चिकित्सा विभाग बेहद खुश नजर आया है.

पत्नी के साथ मिलकर देहदान की घोषणादरअसल बाड़मेर शहर के बेरियो का वास रॉय कॉलोनी निवासी नानकराम जीनगर की पहली पत्नी स्व अंतरी देवी के साथ उनकी 50वीं शादी की सालगिरह है. हालांकि 38 साल पहले अंतरी देवी इस दुनिया से रुख्सत कर गई. लेकिन नानकराम की जहन में आज भी वह जिंदा हैं. नानकराम ने अपनी दूसरी पत्नी सरस्वती के साथ मिलकर शादी की सालगिरह पर देहदान करने की घोषणा की है.

हर कोई कर रहा सराहनानानकराम जीनगर अपने समाज मे बड़े भामाशाह और आज उनकी इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. 67 वर्षीय नानकराम और 57 वर्षीय उसकी पत्नी सरस्वती ने अपने पूरे परिवार के साथ बाड़मेर जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसुरिया को देहदान का संकल्प पत्र सौंपा है. नानकराम के मुताबिक, उनके मन में लंबे समय से विचार था कि वह देहदान की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि आज का दिन वह कभी नहीं भूल पाएंगे और यही वजह है कि उन्होंने आज देहदान करने की घोषणा की है.

अब तक इलाके में इतने लोग कर चुके हैं देहदान की घोषणाइस दौरान उनके पारिवारिक सदस्य नारायण दास, चंपालाल, दिनेश कुमार, प्रेरणा, हरीश और इंद्र कुमार मौजूद रहे. बाड़मेर जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसुरिया के मुताबिक, सरहदी बाड़मेर जैसे पिछड़े इलाके में अब तक 108 देहदानी अपने देहदान की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि बाड़मेर में बर्थडे, सालगिरह या फिर अन्य कार्यक्रमों को यादगार बनाने के लिए बाड़मेरवासी देहदान की घोषणा कर रहे हैं.

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50 साल पुराने प्यार की बुनियाद, एक कहानी जो जिंदगी और मौत को जोड़ती है!

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