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बच्चा गिरवी रख लोन लिया, हर महीने किश्त चुकाता रहा पिता, भनक पड़ते ही टीचर बना मसीहा, गुजरात से ऐसे छुड़ाया

Last Updated:April 15, 2025, 12:11 IST

Udaipur News: उदयपुर में एक पिता ने महिला की चाह में अपने 9 साल के बेटे को ही गिरवी रख दिया. उसने शादी की एवज में चुकाने वाली रकम का इंतजाम बेटे को गिरवी रख कर किया. हालांकि भनक पड़ते ही एक टीचर गुजरात जा पहुंच…और पढ़ेंबच्चा गिरवी रख लोन लिया, हर महीने किश्त चुकाता रहा पिता, फिर टीचर बना मसीहा

टीचर ने बच्चे को बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया. (AI Generated)

हाइलाइट्स

बच्चा गिरवी रख उधार लिए 45 हजार.दूसरी शादी की रकम चुकाने के लिए पिता ने बेटे को गिरवी रखा.शिक्षक ने मसीहा बनकर बच्चे को छुड़ाया.

उदयपुरः राजस्थान के उदयपुर से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक पिता ने दूसरी शादी के लालच में अपने बच्चे को ही गिरवी रख दिया. दूसरी शादी के लिए उसे रिवाज के मुताबिक, दापा की रकम (दूल्हे पक्ष को शादी के लिए विभिन्न प्रकार के टैक्स चुकाने) 45 हजार चुकानी थी, जो उसके पास नहीं थी. उसने अपने नाबालिग बेटे को बदमाशों के पास गिरवी रख दिया और हर महीने किश्त चुकाता रहा. इस बात की भनक लगते ही उदयपुर के सरकारी ने टीचर ने बच्चे का पता लगाया और गुजरात पहुंचकर बदमाशों के चंगुल से बच्चे को छुड़ा लाया.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला उदयपुर के कोटड़ा के अम्बादेह इलाके का है. सरकारी टीचर दुर्गाराम मुवाल उदयपुर शहर के रेलवे ट्रेनिंग राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ हैं. उन्हें सूचना मिली थी कि अम्बादेह गांव में एक परिवार ने अपने नाबालिग बच्चे को गिरवी रखा है और उसे गुजरात के ईडर भेज दिया है. हर महीने किश्त की रकम चुका रहे है, जबकि उन्हें बच्चे से मिलने नहीं दिया जाता. कभी -कभार फोन पर बात कराई जाती है.

पिता को थी महिला की चाहतबताया जा रहा है कि नाबालिग बच्चे के पिता मिरखा ने तेमी नामक महिला से सगाई की थी और दोनों साथ रहने लग गए. समाज के पंचों ने उनको सामाजिक रीति रिवाज के तहत विवाह करने के लिए कहा था. जिसमें उसे दापा की रकम 45 हजार चुकानी थी, जो उसके पास नहीं थे. ऐसे में उसने 9 वर्षीय बेटे को 10 महीने पहले किसी रेवड़ रखने वाले के पास 45 हजार रुपए में गिरवी रख दिया और रकम जुटा ली.

टीचर बना मसीहाटीचर ने बताया कि बच्चे के पिता के पास बदमाशों की कोई खास जानकारी नहीं थी. उसने किसी तरह बातचीत करके बच्चे से मिलने की इच्छा जताई. जब बदमाश बच्चे से मिलाने के लिए राजी हुए, तो टीचर दुर्गाराम ने अपनी टीम के साथी कुणाल चौधरी के साथ उनकी बताई लोकेशन गुजरात के ईडर जा पहुंचा. यहां से 100 किलोमीटर दूर बदमाशों ने सुनसान जंगल में मिलने बुलाया. अपना फर्जी नाम बताया और गलत जगह ले गया. चुपचाप वहां से भाग निकला. फिर टीचर ने उसके हुलिये के आधार पर पास के एक गांव में पता किया, तो बदमाश की पहचान हुई, जब उसके घर पहुंचे, तो वह गायब था, लेकिन उसके घर पर कई बच्चे थे.

बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया बच्चाझोपड़ी में रहने वाली महिला ने पहले तो कहा कि बच्चे उन्ही के हैं. बाद में बदमाश का नाबालिक के पिता के पास फोन पहुंचा और उसने बच्चा लौटाने की बात कही, लेकिन जब टीचर बच्चा लेकर वहां से निकले तो बदमाशों ने उनका करीब 10 किलोमीटर तक पीछा किया और हमला करने की भी कोशिश की.

Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

April 15, 2025, 12:11 IST

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बच्चा गिरवी रख लोन लिया, हर महीने किश्त चुकाता रहा पिता, फिर टीचर बना मसीहा

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