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अमेरिका भी झुका इनके आगे, अब गडकरी हुए कायल… रातों-रात बना दी थी हवाई पट्टी, जानिए कौन हैं ये शख्स!

Last Updated:November 12, 2025, 20:36 IST

भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जोधपुर के प्रो. पृथ्वी सिंह कांधल को भारतीय सड़कों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया. 90 वर्षीय कांधल ने जीवनभर देश की सड़कों की मजबूती और गुणवत्ता सुधारने के लिए संघर्ष किया है. उन्हें पहले अमेरिका भी यह सम्मान दे चुका है.

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अमेरिका झुका, गडकरी हुए कायल… रातों-रात बना दी थी हवाई पट्टी; कौन हैं ये शख्स?

जयपुर. भारत की सड़कों को बेहतर, मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए पिछले 25 वर्षों से संघर्षरत प्रो. पृथ्वी सिंह कांधल को भारतीय सड़कों के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें 7 नवंबर 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित इंडियन रोड्स कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन के दौरान लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया. यह वही प्रो. कांधल हैं जिन्हें करीब तीन दशक पहले अमेरिका की अमेरिकन रोड कांग्रेस भी इसी सम्मान से अलंकृत कर चुकी है.

प्रो. कांधल मूल रूप से राजस्थान के चुरु जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में जयपुर में निवास करते हैं. वे विश्व के सर्वश्रेष्ठ डामर सड़क विशेषज्ञों में गिने जाते हैं. अमेरिका के ऑबर्न यूनिवर्सिटी, अलबामा स्थित नेशनल सेंटर फॉर डामर टेक्नोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर एमेरिटस रहे कांधल ने 17 वर्षों तक पेंसिल्वेनिया ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में मुख्य डामर इंजीनियर के रूप में काम किया. उनके शोधों ने विश्वभर की सड़कों की तकनीक बदल दी, लेकिन अफसोस यह है कि भारत अब तक उनके सुझाए फॉर्मूलों को अपनाने में पीछे है.

देश के लिए एक सड़कों का डॉक्टरसिविल इंजीनियर और लेखक प्रो. कांधल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सड़कों का डॉक्टर कहा जाता है. उनके पास डामर मिश्रण और हॉट मिक्स एस्फाल्ट तकनीक पर 120 से अधिक शोधपत्र हैं. वह अमेरिकी ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च बोर्ड और ASTM D04 समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, जो सड़क निर्माण के वैश्विक मानक तय करती है. भारत लौटने के बाद उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार सुझाव दिए. उनका मानना है कि यदि सरकारें उनकी तकनीक अपनातीं तो देश को बीस लाख करोड़ रुपये तक की बचत होती. उनके सुझावों के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 2021 में कुछ राज्यों में उनकी तकनीक से सड़कें बनानी शुरू कीं, लेकिन राष्ट्रीय और राज्यीय परियोजनाओं में अब तक सुधार नहीं हुआ है.

बदलाव की मुहिम में उम्र नहीं, जज़्बा दिखता है
अब 90 वर्ष की उम्र में भी प्रो. कांधल हर दिन प्रधानमंत्री और नीति-निर्माताओं को ईमेल भेजकर सड़कों की गुणवत्ता सुधारने की अपील करते हैं. उन्होंने बीकानेर में बालू रेत से बनी 2 किलोमीटर लंबी सड़क बनाकर अपनी तकनीक की ताकत साबित की थी. जयपुर में रामबाग सर्किल से टोंक पुलिया तक बनी सड़क उनकी सोच का उदाहरण है, जिसकी मजबूती और टिकाऊपन ने इंजीनियरों को हैरान कर दिया था. भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने रातों-रात हवाई पट्टी तैयार की थी. आज वही शख्स, प्रो. पृथ्वी सिंह कांधल, भारत की सड़कों की मजबूती के लिए अब भी जूझ रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि एक दिन उनके तकनीकी सुझाव भारत को न केवल टिकाऊ सड़कें देंगे बल्कि हर साल 80,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये की बचत कर देश को कर्जमुक्ति की दिशा में भी मदद करेंगे.Anand Pandey

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Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

November 12, 2025, 20:36 IST

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अमेरिका झुका, गडकरी हुए कायल… रातों-रात बना दी थी हवाई पट्टी; कौन हैं ये शख्स?

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