Amit Shah on Poll Bond: राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बांड को ‘हफ्ता वसूली’ बताया, जवाब में अमित शाह ने कहा- 1600 करोड़ रुपये उन्हें कहां से मिले? | Amit Shah Said On Rahul Gandhi Hafta Vasooli remarks on electoral bond

Electoral bond की योजना खत्म होने से काले धन की वापसी का डर’
अमित शाह ने कहा, “चुनावी बांड भारतीय राजनीति में काले धन के वर्चस्व को खत्म करने के लिए लाए गए थे। अब इस योजना को खत्म कर दिया गया है और मुझे काले धन की वापसी का डर है।” उन्होंने यह कहा कि चुनावी बांड को खत्म करने के बजाय इसे लेकर सुधार होना चाहिए।
Rahul Gandhi should answer if donations received by INDI Alliance are extortion money.
राहुल गाँधी जवाब दें कि इंडी अलायंस को मिला चंदा क्या हफ्ता वसूली है? pic.twitter.com/WWZdxl0Jty
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 20, 2024
Supreme Court के फैसले का मैं सम्मान करता हूं: शाह उन्होंने कहा कि मेरा मानना यह है कि इसे खत्म करने के बजाय इसमें सुधार होना चाहिए लेकिन अब इसका कोई महत्व नहीं है क्योंकि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला दे दिया है और मैं इसका सम्मान करता हूं। लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि बांड ने राजनीति में काले धन को लगभग समाप्त कर दिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा इंडिया गठबंधन बांड के खिलाफ हैं और वे चाहते थे कि कट मनी की पुरानी प्रणाली एक बार फिर से राजनीति पर हावी हो जाए।
electoral bonds क्या था?
चुनावी बांड योजना भारत में राजनीतिक दलों के लिए दानकर्ता की पहचान उजागर किए बिना धन प्राप्त करने का एक तरीका था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एक फैसले में इस योजना को रद्द कर दिया और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया।
चुनाव आयोग ने बांड को लेकर कौन सा कदम उठाया?
सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के अनुपालन में भारत चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर चुनावी बांड पर डेटा अपलोड किया है। एसबीआई ने जानकारी प्रदान की थी जिसमें इन चुनावी बांडों के बारे में विवरण शामिल हैं।
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