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आपके दरवाजे के सामने रोज खड़ी होती है अनजान कार, कोर्ट जाएं या पुलिस में करें शिकायत? जानें दमदार कानूनी इलाज

Last Updated:November 10, 2025, 19:10 IST

अगर पड़ोसी आपके घर के गेट के सामने अपनी कार खड़ी कर दे तो आप क्‍या करेंगे. आपके घर के बाहर सटी दीवार पर आप अपनी कार खड़ी करते हैं लेकिन अब वहां पड़ोसी ने कब्‍जा जमा लिया है. कानून में इसे लेकर मजबूत प्रावधान है. चलिए हम आपको इसके बारे में विस्‍तार में बताते हैं.आपके दरवाजे के सामने रोज खड़ी होती है अनजान कार, कोर्ट जाएं या पुलिस के पास?कार पार्किंग को लेकर अक्‍सर लोगों में झगड़ा हो जाता है.

नई दिल्‍ली. भारत में पार्किंग की समस्या एक आम सिरदर्द बन चुकी है. कल्पना कीजिए आपका पड़ोसी रोजाना आपके घर के बाहर या गेट के ठीक सामने कार खड़ी कर दे. आप शाम को दफ्तर से आएं और आपके स्‍थान पर किसी और की कार खड़ी हो. अक्‍सर कार पार्किंग को लेकर देश में खूब झगड़े होते हैं. एनसीआरबी 2024 डेटा के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पार्किंग विवादों से जुड़े 1.5 लाख मामले दर्ज हुए, जिनमें 30% न्यूसेंस से संबंधित. अगर आपके साथ भी ऐसा हो जाए तो आप क्‍या करेंगे. कानून के तहत इस समस्‍या से बचने के लिए क्‍या कुछ प्रावधान हैं. चलिए हम आपको इससे रूबरू कराते हैं.

भारत के नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) 1988 के तहत इस समस्‍या से निजात पाने के लिए आपके पास मजबूत अधिकार हैं. ये कानून पुराने आईपीसी की धारा 268 (पब्लिक न्यूसेंस) को बीएनएस की धारा 270 से बदलते हुए अधिक स्पष्ट हैं. बीएनएस 1 जुलाई 2024 से लागू है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर रुकावट या खतरे को अपराध मानता है.

बीएनएस की धारा 270 (सार्वजनिक मार्ग या नेविगेशन लाइन में खतरा या रुकावट) पुरानी धारा 283 का उत्तराधिकारी है. इसमें कोई व्यक्ति जो सार्वजनिक सड़क, पैदल पथ या जगह पर ऐसी वस्तु (जैसे कार) खड़ा कर दे जो लोगों के आने-जाने में रुकावट डाले, खतरा पैदा करे या असुविधा का कारण बने. उसपर इसके तहत एक्‍शन हो सकता है. यदि पड़ोसी की कार आपके गेट को ब्लॉक करती है तो यह धारा सीधे लागू होती है. इसके तहत छह महीने तक की कैद का प्रावधान है. जज चाहे तो कैद के साथ पांच सौ रुपये तक का जुर्माना या दोनों दे सकता है.

यदि यह रोजाना हो और जानबूझकर हो तो यह धारा 272 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाला उपद्रव) के अंतर्गत भी आ सकता है, जहां सजा तीन माह तक की कैद या जुर्माना है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रुकावट से चोट लगे या दुर्घटना हो तो धारा 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) जोड़ी जा सकती है, जिसमें एक वर्ष तक की सजा.

मोटर वाहन एक्‍ट 1988 की धारा 122 भी इस तरह के मामले में महत्वपूर्ण है. यह कहती है कि कोई वाहन सार्वजनिक सड़क पर ऐसी स्थिति में नहीं खड़ा किया जा सकता जो अन्य उपयोगकर्ताओं को असुविधा पहुंचाए या खतरा पैदा करे. गेट के सामने पार्किंग, डबल पार्किंग या नो-पार्किंग जोन में खड़ी कार पर 500 रुपये तक का चालान कट सकता है.

बीएनएसएस 2023 की धारा 173 के तहत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया सरल है. जीरो एफआईआर कहीं भी दर्ज कराएं, जांच 60 दिनों में पूरी हो. ऑनलाइन पोर्टल (ट्रैफिक पुलिस ऐप) या हेल्पलाइन 100/112 पर कॉल करें. साक्ष्य के रूप में फोटो, वीडियो या गवाह लें. यदि बात बातचीत से न बने तो सिविल कोर्ट में नुकसान के लिए मुकदमा दायर करें.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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November 10, 2025, 19:07 IST

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