दुलारचंद हत्याकांड में अनंत सिंह गिरफ्तार पर पुलिस रिमांड मोकामा चुनाव के बाद क्यों? कौन सी अड़चन है समझिए पूरा मामला

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पटना जिले के मोकामा में 30 अक्टूबर को जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. इस बीच पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस मामले के आरोपी जेडीयू (JDU) प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह को शनिवार (1 नवंबर) की देर रात गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी बाढ़ के बेढ़ना गांव स्थित उनके कारगिल आवास से हुई. बताया जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस की 150 पुलिसकर्मियों की टीम पहुंची थी. अनंत सिंह के साथ उनके दो सहयोगी-मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम भी गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस ने कुल 81 गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें हत्या से जुड़े लोग और अन्य समर्थक भी शामिल हैं.
क्यों हुई गिरफ्तारी, पूरा मामला समझिए
बताया जाता है कि मोकामा में जनसुराज प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी के प्रचार के दौरान अनंत सिंह के काफिले और विपक्षी गुट के बीच झड़प हुई थी. इसी क्रम में गोली चलने की वारदात की पुष्टि भी पटना पुलिस ने की है और इसी घटना में दुलारचंद यादव की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है. दुलारचंद यादव के परिजनों ने अनंत सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई, जिसमें गोली चलाने और गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया गया. विपक्षी पक्ष ने भी पथराव का आरोप लगाकर FIR की है. वहीं, पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर तीसरी FIR दर्ज की है.
अनंत सिंह की अरेस्टिंग और EC का रोल
घटना के बाद चुनाव आयोग ने DGP से रिपोर्ट मांगी और सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वीडियो फुटेज, बयान और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने साफ किया कि अनंत सिंह ने सरेंडर नहीं किया, बल्कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है और जांच CID को सौंपी गई है. आगे CID रिपोर्ट पर निर्भर करेगा कि केस कैसे आगे बढ़ता है.
पटना में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या मामले में JDU प्रत्याशी अनंत सिंह समेत 81 लोग गिरफ्तार, चुनावी तनाव पर CID जांच जारी. पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया से जानकारी साझा की.
अनंत सिंह की रिमांड चुनाव के बाद क्यों?
पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट कहा कि तीनों आरोपियों को चुनाव के बाद रिमांड पर लिया जाएगा. अनंत सिंह को फिलहाल अज्ञात स्थान पर रखा गया है और 2 नवंबर (आज) को बाढ़ कोर्ट में पेशी होगी. रिमांड (पुलिस हिरासत) के लिए अदालत से अनुमति लेनी होगी, लेकिन यह प्रक्रिया चुनाव के बाद होगी. बता दें कि बिहार चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को है, इसलिए मोकामा जैसे संवेदनशील इलाके में तनाव बढ़ने से बचने के लिए यह कदम उठाया गया.
पुलिस ऐसा क्यों कर रही, क्या है कानूनी अड़चन?
दरअसल, यह मुख्य रूप से चुनावी कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) और कानूनी प्रावधानों की वजह से है. कोई सख्त ‘कानूनी अड़चन’ नहीं है, लेकिन पुलिस और प्रशासन चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सतर्क हैं.
चुनाव से पहले रिमांड क्यों नहीं?पटना पुलिस के एक्शन नहीं लेने का कारणसंवेदनशीलता और संबंधित कानून/प्रावधान
चुनावी शांति बनाए रखना
अनंत सिंह एक प्रमुख प्रत्याशी हैं. उनकी रिमांड से उनके समर्थकों में आक्रोश फैल सकता है जो मतदान प्रभावित कर सकता है. इसलिए पुलिस एहतियात बरत रही है. पुलिस ने पहले ही 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर स्थिति संभाली है.
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 (धारा 130), मतदान के दौरान शांति भंग करने वालों पर प्रतिबंध. चुनाव आयोग के MCC के तहत उम्मीदवारों की गिरफ्तारी सीमित रखी जाती है.
रिमांड प्रक्रिया की समयबद्धता
CrPC की धारा 167 के तहत गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेशी जरूरी है. रिमांड 15 दिनों तक हो सकती है, लेकिन चुनावी दौर में अदालतें भी सतर्क रहती हैं. पुलिस रिमांड तुरंत ले सकती है, लेकिन देरी से बचाव के लिए इंतजार कर रही.
CrPC धारा 167: रिमांड के लिए अदालत की मंजूरी, चुनावी संवेदनशीलता में ECI दिशानिर्देश लागू.
ECI के दिशानिर्देश
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि उम्मीदवारों की गिरफ्तारी से पहले अनुमति लें, ताकि चुनाव प्रभावित न हो. यहां EC ने दबाव डाला, लेकिन रिमांड स्थगित रखने की भी छूट दी.
ECI मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (2024 अपडेट), उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई चुनाव के बाद प्राथमिकता.
सुरक्षा और जांच
अनंत सिंह को अज्ञात स्थान पर रखा गया है, ताकि हमले या भागने का खतरा न हो. CID जांच चल रही है, रिमांड के बाद गहन पूछताछ होगी.
IPC धारा 302 (हत्या) और CrPC: पुलिस हिरासत में सबूत जुटाना.
पुलिस की प्रक्रिया, अनंत सिंह की प्रतिक्रिया
बहरहाल, पुलिस का यह कदम चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए है. अगर तुरंत रिमांड ली जाती तो मोकामा में हिंसा भड़क सकती है जो ECI के लिए मुश्किल होता. जनसुराज प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी ने इसे “सही लेकिन देर से” उठाया गया कदम बताया है, जबकि अनंत सिंह के समर्थक इसे साजिश कह रहे हैं. गिरफ्तारी के बाद उनके सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुआ जिसमें उन्होंने लिखा, सत्यमेव जयते! मुझे मोकामा की जनता पर पूर्ण भरोसा है, इसलिए चुनाव अब मोकामा की जनता लड़ेगी.



