अभियान में पिछड़े, अब कोताही बरतने वाले कार्मिकों पर होगी कार्रवाई
जयपुर। प्रशासन शहरों के संग अभियान की अवधि 31 मार्च, 2023 को पूरी हो जाएगी। मगर सरकार तय 10 लाख पट्टों के लक्ष्य से दूर नजर आ रही है। अभी तक निकायों ने केवल 6 से सवा छह लाख के बीच ही पट्टे जारी किए गए हैं। पिछले दिनों सीएम के चिंतन शिविर में तय हुआ है कि अब उन कार्मिकों को नहीं बख्शा जाएगा जो पट्टों को चलाकर अटका रहे हैं। मंत्रियों ने भी शिकायत की थी कि निकायों में अधिकारी और कर्मचारी छोटी-छोटी आपत्तियां लगाकर आवेदनों को लंबित कर रहे हैं। अब तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो करीब डेढ़ लाख आवेदकों को पट्टों को इंतजार है। निकायों को साढ़े सात लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 60 हजार से ज्यादा आवेदनों पर तो निकायों ने पट्टा देने से ही इनकार कर दिया है। मगर अब सरकार ने साफ कर दिया है कि इतनी छूट देने के बाद भी आखिर किस वजह से पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं।
चुनाव में बनेगा वोट का आधार
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार इसे वोट का आधार बनाएगी। वजह ये है कि वसुंधरा सरकार में भी इस तरह का मिलता-जुलता अभियान चलाया गया था, लेकिन उससे लोगों को खास फायदा नहीं हुआ। मगर कांग्रेस इन पट्टों को वोटों में कन्वर्ट करने की दिशा में काम करेगी। यही वजह है कि सीएम ने चिंतन शिविर में इस पर गहराई से मंथन किया।
यह भी पढ़ें: एसीबी के कार्यवाहक डीजी के मौखिक आदेश पर बवाल, राठौड़ ने कही यह बात
डीएलबी-यूडीएच करेंगे मंथन
जल्द ही पट्टों की संख्या बढ़ाने के लिए डीएलबी और यूडीएच के स्तर पर मंथन किया जाएगा। इसमें निकायों को पट्टे देने में आ रही परेशानियों पर चर्चा के साथ कार्मिकों को सख्ती ताकीद किया जाएगा कि बेवजह पट्टों को रोका गया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।