Animal Husbandry – डूयूटी को लेकर विवाद. साम्प्रदायिकता फैला रहा विभाग

दीवाली के त्यौहार पर पॉलीक्लीनिक जयपुर सहित जिले के कुछ अन्य पशु चिकित्सा केंद्रों में लगाई गई अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है

ड्यूटी को लेकर विवाद
एक धर्म विशेष के अधिकारियों और कामिकों की लगा दी ड्यूटी
कार्मिक बोले, साम्प्रदायिकता फैला रहा विभाग
जयपुर।
दीवाली के त्यौहार पर पॉलीक्लीनिक जयपुर सहित जिले के कुछ अन्य पशु चिकित्सा केंद्रों में लगाई गई अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हुआ दरअसल यह है कि संयुक्त निदेशक पशुपालन की ओर से दीपावली और गोवर्धन के दिनों यानी 4 नवंबर से 7 नवंबर तक पॉलीक्लीनिक जयपुर, पशु चिकित्सा उपकेंद्र धोबलाई, पशु चिकित्सा उपकेंद्र विमलपुरा, पशु चिकित्सा केद्र, उदयपुरिया, पशु चिकित्सा उपकेंद्र बोयतावाला और बाड़ापदमपुरा में एक धर्म विशेष के अधिकारियों और कार्मिकों की ड्यूटी लगा दी गई है। जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। विभागीय कार्मिक इन ड्यूटियों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि दीवाली का पर्व केवल हिंदुओं का ही त्यौहार नहीं है इसे अन्य सम्प्रदाय के लोग भी उसी शिद्दत से मनाते हैं और विभाग के कार्य में धर्म विशेष को प्रमुखता नहीं दी जानी चाहिए। जिस प्रकार ईद का पर्व हिंदु मुस्लिम मिलकर मनाते हैं वैसे ही दीवाली भी मनाई जाती है। जब ईद के पर्व पर ड्यूटी लगाते समय धार्मिक भेदभाव नहीं किया जाता तो फिर दीवाली पर ऐसा क्यों।
चार चरणों में होता है पॉलीक्लीनिक का संचालन
पॉलीक्लीनिक और पशु चिकित्सा उपकेंद्रों का संचालन सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार चरणों में होता है। सुबह आठ बजे से 11 बजे तक, 11 बजे से दोपहर दो बजे तक, दो बजे से पांच बजे तक और पांच बजे से आठ बजे तक। इस दौरान ग्रामीण इलाकों से भी बढ़ी संख्या में पशुपालक अपने पशुओं का इलाज करवाने यहां पहुंचते हैं। दीवाली के दौरान यहां अधिकारियों और कर्मचारियों का काम सामान्य दिनों की तुलना में अधिक बढ़ जाता है क्योंकि पटाखों की आवाज से परेशान पालतू पैट्स का ट्रीटमेंट करवाने के लिए लाने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं होती।
शाम की शिफ्ट में लगी ड्यूटी का विरोध
विभाग की ओर से जो निर्देश जारी किए गए हैं उसमें शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक की एक धर्म विशेष के अधिकारियों और कार्मिकों की ड्यूटी दी गई है। यह सभी कार्मिक और अधिकारी मुस्लिम हैं ऐसे में कार्मिकों का कहना है कि उनके साथ इस प्रकार से भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के महामंत्री अर्जुन शर्मा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों का यह रवैया साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है।