नौकरी को पीछे छोड़ रहा पशुपालन, विदेश में नौकरी छोड़ घर आया किसान, मधुमक्खी पालन से कमा रहा 15 लाख

Last Updated:April 08, 2025, 09:44 IST
Benefits of beekeeping: आज हम आपको सीकर के निवासी ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 11 साल विदेशों में नौकरी करने के बाद गांव आकर सरकारी योजना की मदद से मधुमक्खी पालन शुरू किया और आज वह सालाना 1…और पढ़ेंX

खेती के साथ मधुमक्खी पालन कर रहा किसान
हाइलाइट्स
अशोक ने विदेश की नौकरी छोड़ मधुमक्खी पालन शुरू कियामधुमक्खी पालन से अशोक सालाना 15 लाख कमा रहे हैंसरकार मधुमक्खी पालन के लिए सब्सिडी और ट्रेनिंग दे रही है
सीकर:- अक्सर लोग अच्छे रोजगार और पैसा कमाने के उद्देश्य से अपने गांव, शहर, राज्य या कहें देश से भी बाहर चले जाते हैं और वहां उनको कुछ खास नहीं मिल पाता है और वह निराश होकर अपने गांव वापस चले आते हैं. ऐसे लोगों के लिए सीकर के सिंगरावट गांव के रहने वाले अशोक कुमार शर्मा प्रेरणा हैं. उन्होंने खाड़ी देशों में 11 साल रहकर नौकरी की, लेकिन कुछ खास हासिल नहीं होने पर अपने गांव वापस आए और मधुमक्खी पालन में दिमाग लगाया. आज वह सालाना 15 लाख रुपये से भी ज्यादा सालाना कमा रहे हैं. इसके अलावा वह लौकी, आयुर्वेदिक औषधि और कई चीजों की साथ में खेती भी कर रहे हैं.
उनका कहना है, कि अगर किसान के पास खेती करने के लिए बड़े पैमाने पर जमीन नहीं है या फिर खेती के लिए बिजली और पानी की समस्या रहती है, तो मधुमक्खी पालन कर सकते हैं. राज्य व केंद्र सरकार भी मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है. यह व्यवसाय आसानी से शुरू किया जा सकता है. ऐसे में किसान से जानते हैं इसे कैसे शुरू करें, इसमें कितनी लागत आती है और कितनी मुनाफा हो जाती है.
निराश हुए तो खेती को सहारा बनाया मधुमक्खी पालक अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि वे लोन लेकर 2012 में लाखों रुपए कमाने की उम्मीद से खाड़ी देशों में नौकरी करने के लिए गए. वहां, परिवार से दूर रहकर 11 साल तक दिन-रात मेहनत करते रहे, लेकिन कुछ खास बदलाव नहीं आया. आखिर में परेशान होकर वे अपने गांव वापस आ गए. वापस आने के बाद जब अशोक कुमार को काम नहीं मिला, तो वे डिप्रेशन में चले गए. उन्होंने घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया. जब कोई रोजगार नहीं मिला तो वह परिवार के साथ मिलकर पारंपरिक खेती करने लगे, लेकिन, पारंपरिक खेती में वे अधिक मुनाफा नहीं कमा पा रहे थे. तभी किसी दोस्त ने उन्हें मधुमक्खी पालन करने की सलाह दी. इसके बाद अशोक ने सरकारी वेबसाइट पर मधुमक्खी पालन की स्कीम व कृषि सुपरवाइजर से मिलकर अधिक जानकारी जुटाना शुरू किया.
मधुमक्खी पालन से संबंधित सभी जानकारी लेने के बाद अशोक ने अपने तीन दोस्तों के साथ उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर ट्रेनिंग ली. इसके बाद सब्सिडी पर अशोक कुमार और अपने एक और दोस्त लूना राम के साथ मिलकर मधुमक्खियां के 60 बक्से मंगाए. इसके बाद अशोक ने अपने खेत में मधुमक्खी पालन का केंद्र बना दिया. देखते ही देखते अशोक की मेहनत रंग लाने लगी उनका मधुमक्खी पालन व्यवसाय अच्छा चलने लगा. मधुमक्खी पालन में अच्छे परिणाम के बाद दोनों दोस्तों ने मिलकर पपीता, लौकी और अन्य औषधीय पौधे भी लगाए. इसके बाद एक साल में ही मधुमक्खियां पालन और खेती से 10 लाख रुपए से अधिक का मुनाफा हुआ.
सरकार द्वारा भी मिल रही मदद किसान अशोक कुमार शर्मा ने आगे बताया, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसानों को मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रेरित कर रहे हैं. विभाग द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी भी दी जा रही हैं. आगे वे बताते हैं, कि हाल ही में उद्यान विभाग ने मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी देना शुरू किया है. उद्यान विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग के लिए सेमिनार भी आयोजित कराए जाते हैं. यहां, किसानों को प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें सरकार की मंशा है कि मधुमक्खी पालन से किसान अतिरिक्त लाभ प्राप्त करें. सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अन्य कई योजनाएं भी संचालित कर रही है.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
April 08, 2025, 09:43 IST
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नौकरी को पीछे छोड़ रहा पशुपालन, मधुमक्खीपालन से किसान की 15 लाख से ज्यादा कमाई



