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अनोखा विश्वविद्यालय! यहां ऋषि-मुनि और महापुरुषों के नाम से जाने जाते है भवन, नदियों के नाम पर रास्ते

Last Updated:April 22, 2025, 15:20 IST

बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में भवनों के नाम ऋषि-मुनि और महापुरुषों पर रखे गए हैं, जैसे महर्षि शौनक, महर्षि भारद्वाज, महर्षि विश्वामित्र. रास्तों के नाम नदियों पर हैं.X
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विश्व विद्यालय की 9 भवनों के नाम ऋषि और मुनियों तथा महापुरुषों के नाम पर रखा 

हाइलाइट्स

बीकानेर विश्वविद्यालय में भवनों के नाम ऋषि-मुनियों पर रखे गए हैंविश्वविद्यालय के रास्तों के नाम नदियों पर आधारित हैंविद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने का प्रयास

बीकानेर. बीकानेर में एक अनोखा विश्वविद्यालय है, जहां सभी बिल्डिंगों के नाम भारत के ऋषि मुनि और महापुरुषों के नाम पर रखा गया है. ऐसे में यह विश्वविद्यालय अपने भवन का नाम ऋषि मुनि और महापुरुषों के नाम पर रखकर उनके प्रति आदर भाव प्रकट करता है. मजे की बात यह भी है कि इस विश्वविद्यालय ने प्रकृति के प्रति भी अपनी श्रद्धा प्रकट की है.

विश्वविद्यालय के हर रास्ते को किसी न किसी नदी का नाम दिया गया है. विश्वविद्यालय में कुलपति सचिवालय का नाम महर्षि शौनक रखा गया है, तो परीक्षा भवन को महर्षि भारद्वाज और लाइब्रेरी को महर्षि विश्वामित्र के नाम से यहां लोग जानते हैं. पर्यावरण विज्ञान विभाग को महर्षि कण्व भवन के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा प्रशासनिक भवन को महर्षि अत्रि भवन, लॉ डिपार्टमेंट को डॉ भीमराव अंबेडकर भवन तथा एक अन्य भवन को राम मनोहर लोहिया भवन के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा एक भवन महर्षि वशिष्ठ के नाम से जाना जाता है.

विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय ने नवाचार करते हुए हमारे विद्यार्थी भारतीय संस्कृति और सभ्यता से परिचित हो सके. इसको लेकर विश्व विद्यालय की 9 भवनों के नाम ऋषि और मुनियों तथा महापुरुषों के नाम पर रखा है.

विश्व में सबसे पहले कुलपति का दर्जा मिलने वाले महर्षि शौनक थे. उनके नाम से ही विश्व विद्यालय के कुलपति सचिवालय का नाम महर्षि शौनक भवन रखा गया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में बना ऑडिटोरियम भी संत मीरा बाई के नाम पर रखा गया है. अभी भी विश्व विद्यालय में नई बिल्डिंग यानी भवन बन रहे है उनके नाम भी ऋषि मुनि और महापुरुषों के नाम पर रखेंगे.

वे बताते हैं कि ऋषि, मुनि और महापुरुष हमारे लिए प्रेरक हैं. भारतीय संस्कृति और समाज को इन्होंने बहुत समृद्ध किया है. हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी इन नामों से प्रेरित हों, उन्हें जानें. इसी मकसद से हमने अलग-अलग भवनों का नाम अलग-अलग ऋषियों के नाम पर रखा है. जाहिर है कि इससे विद्यार्थियों के मन में जिज्ञासा उत्पन्न होगी और वे इन ऋषि, मुनियों और महापुरुषों के बारे में जानकारी लेकर प्रेरणा ले सकेंगे.

डॉ. बिस्सा के मुताबिक, प्रकृति से ही हमारा जीवन है. ये नदियां जीवनदायिनी होती हैं. इनकी उन्मुक्त चाल, बेखौफ धारा इनसान को प्रेरित करती है. इन नदियों के प्रति हमें नत-मस्तक होना चाहिए. नदियों के सम्मान में हमने विश्वविद्यालय में रास्तों के नाम नदियों के नाम पर रखे. महर्षि शौनक यानी कुलपति सचिवालय की तरफ जानेवाली सड़क सरस्वती पथ कहलाती है, महर्षि भारद्वाज यानी परीक्षा भवन की तरफ जानेवाले रास्ते को यहां नर्मदा पथ के नाम से लोग जानते हैं, महर्षि विश्वामित्र यानी केंद्रीय पुस्तकालय की तरफ जानेवाले रास्ते कृष्णा और कावेरी पथ हैं, प्रशासनिक भवन की तरफ जाने वाले रास्ते को भागीरथी और अलकनंदा पथ नाम दिया गया है

Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

April 22, 2025, 15:20 IST

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