अंशुला कपूर ने कैमरे के सामने सिखाया, कैसे करें ब्रेस्ट की जांच, ये तरीका बचाएगा ब्रेस्ट-कैंसर से जान
Anshula Kapoor explains Steps of Self Breast Examination: हिना खान (Hina Khan) स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर ( Breast Cancer) से लड़ रही हैं. हिना महज 36 साल की हैं, पर वो इस बीमारी को हराने के लिए पूरे जज्बे से तैयार हैं. ब्रेस्ट कैंसर के मामले भारतीय महिलाओं में लगातार बढ़ रहे हैं. WHO की रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में हर साल 10 लाख औरतों की मौत इस बीमारी की वजह से हो जाती है. लेकिन अगर सही समय पर इसे पहचान लिया जाए तो इससे जल्द इलाज ले, इससे बचा जा सकता है. ऐसे में एक्टर अर्जुन कपूर की बहन और सोशल मीडिया इनफ्लूएंजर अंशुला कपूर (Anshula Kapoor) ने कैमरे के सामने Step-By-Step बताया है कि कैसे महिलाओं को खुद ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना चाहिए. ये जांच हर महीने करना जरूरी है, ताकि अगर कुछ भी अलग हो तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकें.
क्या है सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन
हिंदी में इसे स्तन स्व-परीक्षा कहते हैं. इसका अर्थ है कि हर बार डॉक्टर के पास जाने के बजाए महिलाएं घर पर ही खुद स्तनों की जांच कर सकें. हर महीने होने वाले इस एग्जामिनेशन से आपको उन परिवर्तनों का पता लगाने में मदद मिलती है, जो संक्रमण, स्तन रोग या ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. हर महीने ये जांच करने से आप समझ सकती हैं कि आपके लिए क्या सामान्य है. ऐसे में यदि आपको कोई ऐसा बदलाव नजर आए जो सामान्य न हो, तो उसे आप तुरंत समझ सकें.
अंशुला कपूर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के जरिए ये ये बताया है कि सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन कैसे किया जाता है. साथ ही ये जांच करते वक्त आपको क्या 8 चीजें ध्यान रखनी चाहिए.
अंशुला कपूर ने खुद ये एग्जाम लेकर बताया है कि इसे कैसे करना चाहिए. (Photo- @AnshulaKapoor/Instagram)
आप ब्रा पहनकर ही ये जांच करें. कोशिश करें कि इस समय आप शीशे के सामने हों. आप ये जांच खड़े होकर या बैठेकर कर सकती हैं.
आप अपनी एक हाथ की हथेली से अपनी छाती और बगल में गांठों या सूजनों को महसूस करने की कोशिश करें. आप अपनी आर्मपिट, कॉलरबोन्स की भी जांच करें. आप देखें कि कहीं आपको दर्द तो नहीं हो रहा.
ब्रेस्ट के हर हिस्से को सीधी हथेली से जांचें कि कहीं किसी तरह का कोई डिस्चार्ज तो नहीं है, किसी तरह के धब्बे, रंग में परिवर्तन जैसा तो कुछ नहीं है.
ये भी देखें कि कहीं स्किन की बनावट में कोई बदलाव, जो नजर आ रहा हो. जैसे झुलसाव या अंगूर की तरह दिखने वाली त्वचा, सूजन या गांठ, झूलना, रेडनेस या खुजली या साइज.
अगर आपके पीरियड्स नॉर्मल हैं, तो ये सलाह दी जाती है कि ये सेल्फ एग्जामिनेशन आप हमेशा पीरियड्स खत्म होने के बाद ही करें. अगर आपका मॉनोपॉज शुरू हो गया है या आपके पीरियड्स नियमित नहीं हैं, तो हर महीने के पहले दिन या कोई और फिक्स डेट चुनना अच्छा आइडिया होगा. आप हर महीने उसी दिन ये जांच कर लें.
ये जांच आपको कम से कम 2 बार करनी चाहिए. एक बार जब आपके हाथ नीचे हों और दूसरी बार जब आपके हाथ ऊपर की तरफ हों.
इस जांच का बस यही उद्देश्य होता है कि आपको पता चले कि आपकी बॉडी में क्या नॉर्मल है और अगर इसमें कुछ बदलाव हों, तो वो क्यों हो रहे हैं. अगर आपको याद रखने में दिक्कत होती है तो आप इन बदलावों को फोन के रिमाइंडर में या कहीं कॉपी पर नोट कर सकते हैं.
ज्यादातर समय ऐसा होता है कि उभरने वाली गांठों पर चिंतावाली कोई बात नहीं होती. अधिकांश गांठें कैंसर का लक्षण नहीं होती हैं! लेकिन अगर आपको कुछ अलग दिखता है या इस जांच के दौरान दर्द महसूस होता है, तो चिंता न करें. इसके लिए तुरंत अपने डॉक्टर या गाइनाकोलॉजिस्ट से मिलें और उन्हें इन बदलाव के बारे में बताएं.
ये जांच आपको समय पर किसी भी बदलाव को पहचानने और उसका इलाज लेने में मदद करेगी.
Tags: Anshula Kapoor, Breast Cancer Se Jung
FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 14:25 IST