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राजस्थान सरकार जैसा ट्रेंड है अंता का, कहानी पुराने 4 विधायकों की, जानें 5वां कौन होगा?

Last Updated:November 13, 2025, 14:17 IST

Anta by-election Latest News : अंता विधानसभा उपचुनाव का परिणाम कल आएगा. उसके साथ ही साफ हो जाएगा कि अंता का पांचवां विधायक कौन होगा? प्रमोद जैन भाया या सुमन मोरवाल या फिर नरेश मीणा. यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर अब तक चार चुनाव और एक उपचुनाव हुआ है. जानें इस सीट पर पहले कौन चार नेता विधायक चुने गए थे.

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राजस्थान सरकार जैसा ट्रेंड है अंता का, जानें 5वां विधायक कौन होगा?अंता विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव का रिजल्ट 14 नवंबर को आएगा.

जयपुर. बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट शुक्रवार को आएगा. उपचुनाव के लिए हुई वोटिंग की काउंटिंग का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. शुक्रवार को सुबह आठ बजे से काउंटिंग शुरू होगी. इसके लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन तैयारियां पूरी कर ली है. अंता विधानसभा सीट 17 साल पहले 2008 में अस्तित्व में आई थी. उसके बाद से इस सीट पर 2008, 2013, 2018 और 2023 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस सीट का यह पहला उपचुनाव है. अभी तक यहां से दो बार बीजेपी और दो बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. अंता का पांचवां विधायक कौन होगा यह कल सबके सामने आ जाएगा.

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट का ट्रेंड राजस्थान की सरकार जैसा रहा है. राजस्थान में जिस तरह से एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की सरकार आने का ट्रेंड रहा है वैसा ही ट्रेंड अंता सीट का रहा है. यहां चार बार हुए उपचुनाव में सबसे पहले 2008 में कांग्रेस ने यह सीट जीती. उसके बाद 2013 में भाजपा ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली. 2018 में कांग्रेस ने फिर से बीजेपी से यह सीट छीन ली. लेकिन साल 2023 में हुए चुनाव में बीजेपी फिर से इस सीट पर काबिज हो गई. इस बार अंता की सीट पर कौन काबिज होगा यह कुछ घंटों के बाद साफ हो जाएगा.

पहले चुनाव में प्रमोद जैन भाया ने फहराया था जीत का परचमसाल 2008 हुए परिसीमन में बारां से अलग होकर अंता सीट अस्तित्व में आई थी. उस साल यहां हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने बाजी मारी थी. प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी के दिग्गज नेता रघुवीर सिंह कौशल को भारी अंतर से हराकर यहां के पहले विधायक बने थे. भाया ने कौशल को 29668 वोटों के भारी अंतर से हराया था. भाया उस समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे.

अंता के पहले विधायक प्रमोद जैन भाया.

दूसरे चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से ले लिया बदलाउसके बाद साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से प्रमोद जैन भाया को चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन वे बीजेपी प्रभुलाल सैनी से बेहद कम मार्जिन से चुनाव हार गए. प्रभुलाल सैनी ने उनको महज 3399 वोटों के अंतर से हराया था. सैनी उस समय सत्ता में आई बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार में कृषि मंत्री बने. भाया बारां जिले के रहने वाले हैं. जबकि प्रभुलाल बूंदी जिले के हिंडौली के रहने वाले हैं. लिहाजा भाया ने मैदान नहीं छोड़ा और वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे.

अंता के दूसरे विधायक प्रभुलाल सैनी.

तीसरे चुनाव में कांग्रेस के भाया फिर से काबिज हो गएअंता के तीसरे चुनाव में 2018 में फिर से कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और बीजेपी के प्रभुलाल सैनी के बीच मुकाबला हुआ. सत्ता विरोधी लहर में यह सीट बीजेपी के हाथ से खिसक गई और प्रमोद जैन भाया ने सैनी से अपनी हार का तगड़ा बदला लिया. प्रमोद जैन भाया ने यह चुनाव दूसरी बार 34063 मतों से जीता. इस बार उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ गया. प्रमोद जैन भाया की इस सफलता को कांग्रेस ने बड़ा इनाम दिया और उनको गहलोत सरकार में फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

अंता के तीसरे विधायक प्रमोद जैन भाया.

चौथे चुनाव में बीजेपी के कंवरलाल मीणा ने मारी थी बाजीसाल 2023 में हुए अंता के चौथे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लगातार चौथी बार भाया को चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन इस बार भाया सत्ता विरोधी लहर के शिकार हो गए. बीजेपी ने यहां अपना प्रत्याशी बदलकर झालावाड़ के कंवरलाल मीणा पर दांव खेला. बीजेपी का यह दांव सटीक बैठा और कंवरलाल मीण ने कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को हरा दिया. लेकिन इस बार भी उनकी हार का अंतर बेहद कम रहा. कंवरलाल मीणा ने सैनी के मुकाबले अपनी जीत का आंकड़ा बढ़ाते हुए 5861 वोटों से भाया को हराया.

अंता के चौथे विधायक कंवरलाल मीणा.

इस बार कौन बनेगा विधायक?कंवरलाल मीणा विधायक तो बन गए लेकिन उनके 20 साल पुराने क्रिमिनल केस ने उनसे यह सीट छीन ली. 20 साल पुराने इस मामले में कंवरलाल को तीन साल की सजा हो जाने के कारण उनकी विधायकी छीन ली गई. बाद में अंता में अब उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस ने पांचवीं बार प्रमोद जैन को भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा. लेकिन बीजेपी ने यहां फिर प्रत्याशी बदलकर स्थानीय पार्टी नेता सुमन मोरपाल पर दांव खेला है. इस बार तस्वीर कुछ बदली हुई है. इस बार यहां मुकाबला केवल बीजेपी और कांग्रेस में सीधा नहीं होकर निर्दलीय रमेश मीणा के कारण त्रिकोणीय हो गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अंता का पांचवां विधायक कौन बनेगा?

Sandeep Rathore

संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर…और पढ़ें

संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर… और पढ़ें

Location :

Baran,Baran,Rajasthan

First Published :

November 13, 2025, 14:05 IST

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