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गुजरात के जूनागढ़ से जोधपुर पहुंची बाघिन,माचिया जैविक उद्यान के बाघ ‘एंथोनी’ को मिला नया साथी, जल्दी पर्यटकों को देखने मिलेगी

Last Updated:November 29, 2025, 21:12 IST

जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क में जूनागढ़ से लाई गई फिमेल टाइगर जल्द ही पर्यटकों के लिए प्रदर्शित की जाएगी. वन्यजीव आदान-प्रदान के तहत जोधपुर ने पांच मादा चिंकारों का जूनागढ़ को आदान-प्रदान किया. बाघ ‘एंथोनी’ अब लंबे समय तक अकेला नहीं रहेगा. फिमेल टाइगर एक महीने क्वारंटाइन में चिकित्सकीय देखरेख में रहेगी, इसके बाद पर्यटक इसे देख सकेंगे. उम्मीद है कि नए साल में पार्क में नन्हे शावकों की किलकारियां गूंजेंगी.

जोधपुर. माचिया बायोलॉजिकल पार्क इन दिनों देशी और विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वहीं, एक अच्छी खबर यह भी है कि जल्द ही बायोलॉजिकल पार्क में फिमेल टाइगर नजर आने वाली है. गुजरात के जूनागढ़ से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक फिमेल टाइगर को जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क लाया जा चुका है. माचिया बायोलॉजिकल पार्क डीएफओ रमेश मंड के निर्देशन में, माचिया रेंजर करण सिंह और डॉ. कंचन की देखरेख में टाइगर को जोधपुर लाया गया है. इसे अभी एक महीने तक क्वारंटाइन रखा जाएगा और उसके बाद फिमेल टाइगर को पर्यटकों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा.

ऐसे में इस पर्यटन सीजन में पर्यटक जूनागढ़ का टाइगर जोधपुर में देख पाएंगे. केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी के साथ, एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बाघिन को जोधपुर लाया गया है. प्रक्रिया के तहत जोधपुर वन विभाग ने जूनागढ़ वन्यजीव प्रभाग को पांच मादा चिंकारे सौंपे. दोनों राज्यों के वन विभागों और सीजेडए की स्वीकृति के बाद वन्यजीवों का आदान-प्रदान संपन्न हुआ.

अंबिका की मृत्यु के बाद से अकेला था एंथोनीमई 2024 में बाघिन अंबिका की हार्ट अटैक से मृत्यु होने के बाद बाघ ‘एंथोनी’ अकेला रह गया था। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नियमों के अनुसार किसी भी चिड़ियाघर में किसी भी वन्यजीव को लंबे समय तक अकेला नहीं रखा जा सकता है। इसी कारण जोधपुर वन विभाग का वन्यजीव प्रभाग पिछले कई महीनों से नई बाघिन लाने की प्रक्रिया में लगा हुआ था।

एक महीने तक चिकित्सकों की देखरेख में रहेगा फिमेल टाइगरमाचिया पार्क के रेंजर करण सिंह राजपुरोहित ने बताया कि उच्च अधिकारियों के सहयोग से जूनागढ़ से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत फिमेल टाइगर को माचिया बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है। इसके बदले हमने जोधपुर के पांच चिंकारों को वहां भेजा है। टाइगर को सुरक्षित रूप से लाया गया है और अभी इसे एक महीने तक क्वारंटाइन में चिकित्सकों की देखरेख में रखा जाएगा। चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गई है। क्वारंटाइन पूरा होने के बाद इसे पर्यटकों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। आने वाले पर्यटन सीजन में माचिया बायोलॉजिकल पार्क एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र बनेगा।

नए साल में गूंज सकती है नन्हे टाइगर की किलकारियांमाचिया बायोलॉजिकल पार्क में फीमेल टाइगर की मृत्यु के बाद से मेल टाइगर अकेला था, मगर अब उसका यह अकेलापन केवल एक महीने का ही है। क्योंकि एक महीने के क्वारंटाइन के बाद उसे एक साथी मिलने वाला है। ऐसे में उम्मीद है कि माचिया बायोलॉजिकल पार्क में अगले नए साल में नन्हे शावकों की किलकारियां गूंज सकती हैं।

About the AuthorMonali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

November 29, 2025, 21:12 IST

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जोधपुर के माचिया पार्क में जूनागढ़ से आई मादा बाघ, पर्यटकों के लिए आकर्षण

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