Antibiotics use in infants linked to early puberty in girls | बचपन में एंटीबायोटिक्स से लड़कियों में जल्दी यौवन: नई रिसर्च

Last Updated:May 13, 2025, 17:43 IST
शोध में पाया गया कि नवजात कन्याओं को पहले साल में एंटीबायोटिक देने से समय से पहले यौवन आने की संभावना बढ़ जाती है. यह अध्ययन यूरोपियन सोसाइटी की कांग्रेस में प्रस्तुत हुआ.
एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से लड़कियों में समय से पहले यौवन आ सकता है.
हाइलाइट्स
शिशुओं में एंटीबायोटिक्स का उपयोग सावधानी से करें.लड़कियों में जल्दी यौवन का खतरा 33% बढ़ जाता है.लड़कों में एंटीबायोटिक्स और यौवन का संबंध नहीं पाया गया.
Antibiotics use In Infancy Linked To Early Puberty In Girls: अक्सर बच्चों की किसी भी बीमारी की दवाइयों में एंटीबायोटिक्स दवाएं जरूर दी जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चियों को कम उम्र में दी गईं ये एंटीबायोटिक्स दवाएं लड़कियों में जल्द आ रहे यौवन की वजह बन रही है? बेहद कम उम्र में आ रही लड़कियों की प्यूबर्टी इस समय स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ती एक बड़ी चिंता है. इस जल्दी आने वाली प्यूबर्टी की वजह से मात्र 9 साल की लड़कियों के भी पीरियड्स शुरू हो रहे हैं. ऐसे में ये नई रिसर्च चौंकाने वाली है. नई रिसर्च के मुताबिक, जिन नवजात कन्याओं को, जीवन के पहले साल में, खासकर पहले तीन महीनों में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कराया गया है, उनमें समय से पहले यौवन (Early Puberty) आने की संभावना अधिक होती है.
यह रिसर्च यूरोपियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी (ESPE) और यूरोपियन सोसाइटी ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी (ESE) की पहली संयुक्त कांग्रेस में प्रस्तुत की गई है. इस अध्ययन में दक्षिण कोरिया की हानयांग यूनिवर्सिटी गुरी अस्पताल और हानयांग यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने 0 से 12 महीने की उम्र के 3,22,731 बच्चों के एंटीबायोटिक सेवन से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया. इसमें यह भी पाया गया कि जिन शिशुओं को विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक क्लासेज दी गई थीं, उनमें भी जल्दी यौवन आने की संभावना अधिक थी. इस रिसर्च से ये चिंता बढ़ जाती है कि शिशुओं में एंटीबायोटिक्स दवाओं का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए. क्योंकि जीवन के शुरुआती समय में दवा का असर भविष्य के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.

शोधकर्ताओं ने 0 से 12 महीने की उम्र के 3,22,731 बच्चों के एंटीबायोटिक सेवन से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया.
इन बच्चों को जब तक ऑब्जर्व किया गया जब तक लड़कियों की उम्र 9 साल और लड़कों की उम्र 10 साल नहीं हो गई. अध्ययन में पाया गया कि जिन लड़कियों को 3 महीने की उम्र से पहले एंटीबायोटिक दी गई थी, उनमें समय से पहले यौवन शुरू होने की संभावना 33 प्रतिशत अधिक थी. जिन लड़कियों को जन्म के 14 दिन के अंदर ही एंटीबायोटिक्स दी गई थीं, उनमें यह जोखिम 40 प्रतिशत तक बढ़ गया. कुल मिलाकर, जितनी जल्दी एंटीबायोटिक दी गई, समय से पहले यौवन का खतरा उतना ही अधिक देखा गया. हालांकि, लड़कों में एंटीबायोटिक सेवन और जल्दी यौवन के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया.
क्या है समय से पहले यौवन आना (Central Precocious Puberty – CPP)समय से पहले यौवन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चों में सेकंडरी यौन विकास सामान्य समय से पहले शुरू हो जाता है. लड़कियों में यह 8 वर्ष की उम्र से पहले और लड़कों में 9 वर्ष से पहले माना जाता है. यह स्थिति ज्यादातर लड़कियों में देखी जाती है और इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं होता, जबकि लड़कों में यह कम आम है.
Deepika Sharma
दीपिका शर्मा पिछले 5 सालों से Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र…और पढ़ें
दीपिका शर्मा पिछले 5 सालों से Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र… और पढ़ें
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क्या एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल, बना रहा है लड़कियों को समय से पहले जवान?



