मेडागास्कर में सत्ता पर सेना का कब्जा, कर्नल रांद्रियनिरिना अंतरिम राष्ट्रपति

अंटानानारिवो: हिंद महासागर के आइलैंड देश मेडागास्कर में सियासी भूचाल आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश के सेना अधिकारी कर्नल माइकल रांद्रियनिरिना को राष्ट्रपति पद संभालने के लिए आमंत्रित किया है. अदालत का यह फैसला तब आया जब कर्नल रांद्रियनिरिना ने सेना के समर्थन से सत्ता पर नियंत्रण करने का ऐलान किया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना अब अपने पद का निर्वहन करने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे देश छोड़ चुके हैं और सेना में बड़े पैमाने पर विद्रोह हो चुका है. कर्नल रांद्रियनिरिना को अब देश के नए अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने को कहा गया है. अदालत ने उन्हें आदेश दिया है कि वे अगले 60 दिनों के भीतर नए चुनाव आयोजित करें ताकि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल की जा सके.
राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना को संसद ने महाभियोग (impeachment) के जरिए पद से हटा दिया, जिसके कुछ ही घंटों बाद सेना ने नियंत्रण संभाल लिया. एलीट CAPSAT यूनिट के प्रमुख कर्नल माइकल रांद्रियनिरिना ने राजधानी अंटानानारिवो में प्रेस के सामने ऐलान किया, ‘हमने सत्ता अपने हाथों में ले ली है.’ उन्होंने बताया कि सेना और जेंडरमेरी के अफसरों से मिलकर एक ‘काउंसिल’ बनाई जाएगी, जो एक प्रधानमंत्री नियुक्त करेगी और जल्द ही एक नागरिक सरकार गठित की जाएगी. कर्नल रांद्रियनिरिना और उनकी यूनिट राष्ट्रपति महल के बाहर खड़ी रही, जहां उन्होंने सत्ता परिवर्तन की घोषणा की. यह वही यूनिट है जिसने सप्ताहांत में राष्ट्रपति के आदेशों को न मानते हुए प्रदर्शनकारियों का साथ दे दिया था.
संसद का बड़ा फैसला, 130 वोटों से राष्ट्रपति हटाए गए
मेडागास्कर की नेशनल असेंबली ने सोमवार देर रात भारी बहुमत से राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना को पद से हटाने का प्रस्ताव पास किया. 130 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट दिया, जबकि सिर्फ एक ने वोट नहीं डाला. हैरानी की बात यह रही कि राष्ट्रपति की अपनी पार्टी IRMAR के कई सांसदों ने भी उनके खिलाफ मतदान किया. अब यह फैसला देश की हाई कॉन्स्टीट्यूशनल कोर्ट के समक्ष जाएगा, जो महाभियोग की वैधता पर निर्णय देगी.
राष्ट्रपति राजोएलिना देश छोड़कर भागे, कहा, ‘महाभियोग अवैध’
महाभियोग प्रस्ताव के तुरंत बाद राष्ट्रपति राजोएलिना ने फेसबुक पर बयान जारी किया कि संसद का यह कदम असंवैधानिक है, क्योंकि उन्होंने पहले ही नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. उन्होंने लिखा, ‘यह वोट अवैध है और इसे नल एंड वॉयड घोषित किया जाएगा.’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजोएलिना देश छोड़कर भाग चुके हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि उन्हें फ्रांसीसी सेना ने एयरलिफ्ट कर बाहर निकाला या नहीं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्थिति को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया, लेकिन हस्तक्षेप की खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
अफ्रीकी संघ ने दी चेतावनी, ‘सेना राजनीति से दूर रहे’
अफ्रीकी यूनियन ने मेडागास्कर में हुई इस सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. संघ ने बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी ‘असंवैधानिक सत्ता परिवर्तन’ को मान्यता नहीं दी जाएगी और सैनिकों से कहा कि वे राजनीतिक मामलों में दखल न दें.
कौन हैं एंड्री राजोएलिना? डीजे से राष्ट्रपति तक का सफर
एंड्री राजोएलिना का सफर राजनीति जितना विवादित रहा है उतना ही नाटकीय भी. वे 2009 में मात्र 34 साल की उम्र में तख्तापलट के ज़रिए सत्ता में आए, जब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति मार्क रावालोमनाना को सेना की मदद से हटा दिया था. उस वक्त वे अफ्रीका के सबसे युवा राष्ट्रपति बने थे.
राजोएलिना पहले एक डीजे और बिजनेसमैन थे. 2007 में वे राजधानी अंटानानारिवो के मेयर बने और अपनी तेजतर्रार छवि व आधुनिक शैली से युवाओं में लोकप्रिय हुए. 2018 में वे चुनाव जीतकर फिर सत्ता में लौटे, और 2023 में दोबारा निर्वाचित हुए, हालांकि उस चुनाव को विपक्ष ने ‘धांधलीपूर्ण’ बताते हुए बहिष्कार किया था.
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके शासन पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगातार बढ़े. सेना के भीतर असंतोष और जनता में आक्रोश ने अंततः उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया.
राजधानी अंटानानारिवो में सेना की भारी तैनाती की गई है. रांद्रियनिरिना की यूनिट ने प्रेस को बताया कि ‘शांति और स्थिरता’ बनाए रखने के लिए सेना ने यह कदम उठाया है. हालांकि विपक्षी दल इसे ‘सैन्य कब्जा’ बता रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल की मांग कर रहे हैं.