बीकानेर फायरिंग रेंज में सेना का शक्ति प्रदर्शन, गरजे टैंक और हेलीकॉप्टर, धमाकों से गूंज उठा रेगिस्तान

बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आज भारतीय सेना ने अपनी ट्रेनिंग का ऐसा दमखम दिखाया कि रेगिस्तान की रेत भी कांप उठी. डिफेंसिव पोजीशन में रहते हुए सेना ने काल्पनिक दुश्मन को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने का अभ्यास किया.इस दौरान भारत में निर्मित टैंकों, मिसाइलों, ड्रोनों, फाइटिंग हेलीकॉप्टरों और अत्याधुनिक गनों का प्रभावशाली प्रदर्शन हुआ. दक्षिण पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह की मौजूदगी में आयोजित ‘इंटीग्रेटेड फायरिंग एक्सरसाइज’ में आधुनिक युद्ध की पूरी तस्वीर उभरकर सामने आई.
सेना की विभिन्न शाखाओं ने समन्वित शक्ति का अनुपम प्रदर्शन किया. BMP-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल ने रेत पर गरजते हुए आगे बढ़कर दुश्मन की काल्पनिक चौकियों को ध्वस्त किया. T-72 टैंकों ने सटीक निशाना साधते हुए लंबी दूरी से प्रहार किया. 130 मिमी मीडियम गन ने आग की बौछार की, जबकि WSI (वेपन सिस्टम इंटीग्रेशन) ने सभी हथियारों को एकीकृत कमांड में जोड़कर सटीक फायरिंग सुनिश्चित की.
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सेना ने दिखाया दम
आकाश में ड्रोनों ने निगरानी की, मिसाइलों ने लक्ष्य भेदा और फाइटिंग हेलीकॉप्टरों ने हवा से हमला बोला. यह सब कुछ इतने समन्वय के साथ हुआ कि वास्तविक युद्ध का भ्रम होने लगा. हर धमाका, हर गूंज यही संदेश दे रही थी कि भारत की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं. यह अभ्यास महज एक फायरिंग डेमोंस्ट्रेशन नहीं था, बल्कि आधुनिक युद्धक रणनीति, इंटर-यूनिट समन्वय, सटीक मारक क्षमता और तकनीकी एकीकरण का जीवंत उदाहरण था. सेना ने दिखाया कि युद्ध के दौरान आर्मर्ड, आर्टिलरी, इन्फैंट्री, एविएशन और ड्रोन यूनिट्स कैसे एक साझा कमांड के तहत एक ही समय पर दुश्मन को चारों तरफ से घेरकर निर्णायक जवाब दे सकती है.
लेफ्टिनेंट जनरल ने सैनिकों के पेशेवर प्रदर्शन को सराहा
लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह ने जवानों की तैयारी, पेशेवर उत्कृष्टता और अनुशासन की भरपूर सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की ताकत केवल उसके हथियारों में नहीं है, बल्कि उसके प्रशिक्षण, अनुशासन, टीम वर्क और देशभक्ति में है. महाजन की रेत में आज जो आग और जोश दिखाई दे रहा है, वही हमारी सीमाओं की रक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है. यह एक्सरसाइज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सैन्य दृष्टि का भी प्रतीक बनी. सभी प्रमुख हथियार स्वदेशी थे. इससे न केवल सेना की युद्धक्षमता बढ़ी है, बल्कि रक्षा निर्यात की संभावनाएं भी मजबूत हुई है. महाजन रेंज का यह अभ्यास पड़ोसी देशों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश था कि भारत किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह तैयार है. रेगिस्तान की गर्मी में पसीना बहाते जवान, गरजते टैंक और आकाश में उड़ते ड्रोन यह दृश्य भारत की सैन्य शक्ति का जीवंत प्रमाण था.



