अरविंद केजरीवाल को यूं ही नहीं मिली जमानत, शर्तों की फेहरिस्त है लंबी, चौथी तो काफी चौंकाने वाली है?
हाइलाइट्स
अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी है.लोअर कोर्ट ने कई शर्तों पर अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है.
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी है. लोअर कोर्ट ने कई शर्तों पर अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है.1. इनमें एक शर्त यह है कि अरविंद केजरीवाल बिना कोर्ट की इजाजत देश नहीं छोड़ सकते हैं. देश से बाहर जाने से पहले उनको इसके लिए कोर्ट की इजाजत लेनी होगी.2. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल को जमानत के लिए 1 लाख रुपये का जमानत बॉन्ड भरना होगा.3. कोर्ट ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल को जब जांच एजेंसी जांच के लिए बुलाएगी उनको जांच एजेंसी के सामने पेश होना होगा.4. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जो चौथी शर्त लगाई है वो काफी चौंकाने वाली है. इसमें कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल इस पूरे मामले से जुड़े सबूतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं कर सकते.5. इसके अलावा वह इस मामले के किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे.6. कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल अब खत्म हो चुकी दिल्ली शराब नीति मामले के केस से जुड़ी किसी भी फाइल से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं.
इन शर्तों के आधार पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली है. जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद केजरीवाल की जमानत पर फैसला होगा. सुनवाई के दौरान ईडी ने अरविंद केजरीवाल को कथित अपराध की आय और सह-आरोपी से जोड़ने की मांग की थी. जबकि बचाव पक्ष ने दावा किया था कि अभियोजन पक्ष के पास आप नेता को फंसाने के लिए कोई सबूत नहीं है. ईडी ने दलील दी कि 7 नवंबर, 2021 को गोवा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ग्रैंड हयात होटल में ठहरे थे, जिसका बिल चनप्रीत सिंह ने चुकाया था. जिस पर गोवा में आम आदमी पार्टी के फंड का प्रबंधन करने का आरोप है.
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ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि होटल को दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इसका भुगतान चनप्रीत सिंह (सह-आरोपी) ने अपने बैंक खाते से किया था. चनप्रीत वह व्यक्ति है जिसने अलग-अलग ‘अंगड़िया’ (कूरियर) से 45 करोड़ रुपये हासिल किए. अंगड़िया प्रणाली विशेष रूप से मुंबई और गुजरात में आभूषण व्यापार में प्रचलित है. एक अनौपचारिक बैंकिंग नेटवर्क है जिसका उपयोग व्यापारी राज्यों में नकदी भेजने के लिए करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 13:48 IST