राजस्थान का पहला मदर मिल्क बैंक! जहां 106 माताओं ने किया मातृ-दूध दान, नवजातों के लिए बनी जीवनरेखा

जोधुपर. निराश्रित बालक-बालिकाओं के लिए सेवा कार्य करने वाली सामाजिक संस्था नवजीवन लव-कुश शिशु गृह संस्थान के संस्थापक दिवगंत भगवान सिंह परिहार बाऊजी की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को अनूठा दुग्धदान शिविर का आयोजन हुआ. गौरतलब है कि मां का दूध अमूल्य होता है कई नवजात ऐसे भी होते है जिन्हें जन्म के बाद मां का दूध नहीं मिलता. इसकी वजह कुछ भी हो सकती है. जिसमें मुख्य रूप से माता की मौत, बच्चे के जन्म होते ही ठुकरा देना या फिर मां की मेडिकल कंडीशन बच्चे को दूध पिलाने की नही हो सकती है.
इस अवसर पर 106 धात्री माताओं ने मातृ-दूध दान कर मानवता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महारानी हेमलता राजे रहे. उन्होंने दूध दान करने वाली धात्री माताओं का सम्मान किया. राजे ने कहा कि बाऊजी द्वारा स्थापित मानवता की विरासत समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने मातृ-दूध दान करने आई धात्री महिलाओं से संवाद किया तथा लव-कुश मदर मिल्क बैंक का निरीक्षण करते हुए उसकी व्यवस्था और प्रक्रियाओं की प्रशंसा की.
मातृ-दूध नवजात शिशुओं के जीवन की रक्षा में सहायक
उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के लिए मातृ-दूध का महत्व अद्वितीय है और इस दिशा में नवजीवन संस्थान का प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है. कार्यक्रम का शुभारंभ आर. के. ओझा द्वारा प्रस्तुत स्वागत भाषण से हुआ. इसके पश्चात संस्थान प्रभारी राजेंद्र परिहार ने संस्थान की गतिविधियों, इसके सेवा-केन्द्र लव-कुश बाल विकास केंद्र, गायत्री बालिका गृह, लव-कुश अपाहिज बालिका गृह और आस्था सीनियर सीटिजन होम के कार्यों और उपलब्धियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया. मातृ-दूध नवजात शिशुओं के जीवन की रक्षा में अत्यधिक सहायक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.बी.एस. जोधा ने विस्तृत जानकारी दी.
दूध दान करने से बच्चों के जीवन में आती है उम्मीद की किरण
मातृ-दूध के चिकित्सकीय और पोषण संबंधी महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समय पर उपलब्ध मातृ-दूध नवजात शिशुओं के जीवन की रक्षा में अत्यधिक सहायक होता है. विशिष्ट अतिथि उम्मेद अस्पताल अधीक्षक व वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहन मकवाना ने कहा कि मानव दूध के वैज्ञानिक एवं भावनात्मक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दान केवल पोषण नहीं देता, बल्कि एक नवजात के जीवन में उम्मीद और सुरक्षित भविष्य का संचार करता है. उन्होंने नवजीवन संस्थान द्वारा वर्षों से निरंतर किए जा रहे सेवा कार्यों की प्रशंसा की.
अब माताएं अपना दूध कर सकेंगी दान
अब मदर मिल्क बैंक में माताएं अपना दूध दान कर सकेंगी. इसके लिए संस्थान ने एक एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की है. यह एम्बुलेंस माताओं के घर जाकर उनका दूध मिल्क बैंक में लेकर आती है. इस मिल्क बैंक में वो माताएं दूध दान कर सकेंगी. जिनके शिशु गंभीर बीमार हैं या जिन्होंने मृत शिशु को जन्म दिया है. ऐसी माताएं मिल्क बैंक में अपना दूध दान कर सकती हैं.
बाऊजी का संपूर्ण जीवन मानवता को समर्पित रहा
परिहार के पोते अभिनव परिहार ने अपने बाऊजी का जीवन परिचय दिया. अभिनव परिहार ने कहा कि बाऊजी का संपूर्ण जीवन मानवता को समर्पित था. उनका हर निर्णय, हर प्रयास और हर कार्य केवल इस भावना से प्रेरित होता था कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को कैसे सहारा दिया जाए. बाऊजी द्वारा स्थापित नवजीवन संस्थान उनके व्यक्तित्व का वास्तविक विस्तार है. एक ऐसा घर जहां अनाथ, परित्यक्त एवं दिव्यांग बच्चों को नया जीवन, नई आशा और नई दिशा मिलती है. उन्होंने कहा कि बाऊजी जैसे लोग समय के साथ भले ही शरीर से विदा हो जाते हैं, पर उनके विचार, उनका स्पर्श और उनकी रोशनी पीढ़ियों तक जीवित रहती है. उन्होंने कहा कि शिविर के अलावा भी कभी भी गृह में आकर धात्री माता दूधदान कर सकते हैं.



