तापमान गिरते ही अलवर में बढ़ी बीमारियां, डॉक्टरों ने सावधानी को लेकर दी सलाह

Last Updated:December 04, 2025, 19:34 IST
Health Tips : उत्तर भारत में सर्दी ने जोर पकड़ लिया है और अलवर जिले में तापमान लगातार गिर रहा है. ठंड बढ़ते ही वायरल फीवर, जुकाम, खांसी और निमोनिया के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ चुकी है. डॉक्टरों का कहना है कि छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग ज्यादा खतरे में हैं. ऐसे में सावधानी और पौष्टिक खानपान ही सुरक्षा की ढाल है.
अलवर : दिसंबर का पहला सप्ताह शुरू होते ही उत्तर भारत में सर्दी ने पूरी तरह दस्तक दे दी है. खैरथल-तिजारा सहित अलवर जिले में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है. सुबह, शाम और रात के तापमान में लगातार हो रही कमी का सीधा प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. इसी वजह से जिले के अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डॉक्टरों के अनुसार पिछले कुछ दिनों में वायरल फीवर, जुकाम, खांसी और बुखार के केस सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. छोटे बच्चों में निमोनिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है.
डॉ. रूप सिंह ने बताया कि सर्दी का मौसम विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों, हार्ट की दवाइयां लेने वाले मरीजों और जिनका किसी प्रकार का ट्रांसप्लांट हुआ है, उनके लिए अधिक जोखिम भरा होता है. ऐसे लोगों की इम्यूनिटी सामान्य से कमजोर होती है, इसलिए ठंड उन्हें जल्दी प्रभावित करती है. इसके साथ ही सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सुबह-सवेरे और देर शाम ठंडी हवा में बाहर निकलने से बचें और शरीर को पर्याप्त कपड़ों से ढककर रखें.
गुड़–लड्डू, हर्बल चाय से बढ़ाएं इम्यूनिटीडॉ. रूप सिंह ने यह भी कहा कि इस मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है. शरीर की गर्मी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. जैसे—गुड़, गोंद के लड्डू, मेथी के लड्डू, एलोवेरा के लड्डू, सूखे मेवे और धूप का पर्याप्त सेवन. जिन लोगों को बार-बार जुकाम या एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें एलर्जी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. वहीं सूप, दलिया, खिचड़ी, अदरक की चाय व हर्बल चाय पीने से शरीर को गर्माहट मिलती है और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है.
बच्चों में निमोनिया बढ़ा, रहें सतर्क और सावधानबच्चों में बढ़ते निमोनिया के मामलों को लेकर डॉक्टरों ने अभिभावकों को विशेष सावधानी बरतने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाकर रखें और शरीर को पूरी तरह ढका हुआ रखना चाहिए. शहद, च्यवनप्राश जैसी चीजें बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं. डॉक्टरों के अनुसार जब बच्चे की पसलियां चलने लग जाएं, खांसी तेज हो, बुखार, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो, तो यह निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यह मौसम कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए चुनौती भरा है, इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है.
About the AuthorRupesh Kumar Jaiswal
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
Location :
Alwar,Rajasthan
First Published :
December 04, 2025, 19:34 IST
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