Rajasthan

Bijali Company Consumer Cm Ashok Gehlot Rajasthan Rajendra Rathore – बिजली कंपनियों के वित्तीय घाटे का काला चिट्ठा उजागर, उपभोक्ताओं पर पड़ेगा भार-राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों पर करीब 87 हजार करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे से गहलोत सरकार के कुप्रबंधन का काला चिट्ठा जनता के समक्ष उजागर हो गया है। इससका प्रभाव अंततः कोरोना काल में आर्थिक संकट से गुजरते प्रदेश के 1.53 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं और उन्हें दी जाने वाली सेवाओं पर पड़ेगा।

जयपुर।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों पर करीब 87 हजार करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे से गहलोत सरकार के कुप्रबंधन का काला चिट्ठा जनता के समक्ष उजागर हो गया है। इससका प्रभाव अंततः कोरोना काल में आर्थिक संकट से गुजरते प्रदेश के 1.53 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं और उन्हें दी जाने वाली सेवाओं पर पड़ेगा।

राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय में उदय योजना के अन्तर्गत ऐतिहासिक वित्तीय सुधार करते हुए वर्ष 2017-18 में प्रदेश के तीनों जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम पर 60 हजार करोड़ रुपये का कर्जा समायोजित करने के पश्चात् मात्र 20 हजार करोड़ रुपये का कर्जा बाकी था लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान में यह कर्जा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर आज 87 हजार करोड़ रुपये का हो गया है।

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन की वजह से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में कोयले की सुचारू आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे कालीसिंध, सूरतगढ़ और छबड़ा पावर प्लांट में उत्पादन यूनिट बंद होने से प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौरी जारी है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हजारों करोड़ों रुपए की लागत से बने थर्मल पावर प्लांटों के बंद से होने के बाद बिजली डिस्कॉम अब निजी कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर चांदी कूटने का काम करेगा और राज्य सरकार को चूना लगाएगा।







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