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जानिए क्या है नौतपा ? इन 9 दिनों में बारिश न हुई तो अच्छा रहेगा मानसून Rajasthan News-Jaipur News-Know what is nautapa-weather updates-Relation of rain and astrology

नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है जिसके चलते तापमान बढ़ता है. इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है.

नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है जिसके चलते तापमान बढ़ता है. इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है.

Know what is nautapa: गर्मियों के मौसम में नौतपा का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन नौ दिनों में बारिश (Rain) के होने या न होने से आगामी मानसून का अनुमान लगाया जाता है कि वह कैसा रहेगा.

जयपुर. रोहिणी नक्षत्र में आने वाले नौतपा (Nautapa) के 9 दिनों का मौसम से अजब संबंध है. अ​जब इसलिए क्योंकि यदि इन नौ दिनों में बारिश (Rain) न हुई या ठंडी हवाएं न चलीं तो यह आने वाले दिनों में अच्छी बारिश का सूचक है. इसके उलट यदि नौतपा में बारिश हो जाए तो आगे बारिश में व्यवधान आने की आशंका रहती है. ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार 25 मई से शुरू होने वाले नौतपा में गर्मी खूब झुलसाएगी. टाउते तूफान से पहले गर्मी जोर पकड़ने लगी थी, लेकिन चक्रवाती तूफान के कारण झमाझम बारिश होने से गर्मी से राहत मिली. अब फिर गर्मी जोर पकड़ने लगी है. ऐसे में नौतपा में झुलसाने वाली गर्मी के आसार बनने लगे हैं. ज्योतिषियों के अनुसार मानसून की दृष्टि से यह अच्छा संकेत ही है. रोहिणी नक्षत्र के पहले 9 दिन हैं नौतपा सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों में से पहले 9 दिन बहुत तेज गर्मी वाले होते हैं. इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है. इस बार 25 मई से 3 जून तक सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने से तेज गर्मी झुलसाएगी. इस दौरान वृषभ राशि में चार ग्रहों की युति होने से गर्मी का असर ज्यादा महसूस होगा. ज्योतिषियों की मानें तो इन दिनों तेज गर्म हवाएं चलेंगी.चंद्रमा की शीतलता के प्रभाव को खत्म करता है सूर्य नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है जिसके चलते तापमान बढ़ता है. इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है. सूर्य 12 राशियों और 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है. ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है तो उसके प्रभाव का अस्त कर देता है. रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है. ऐसा में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो वह चंद्र की शीतलता के प्रभाव पूर्णत: समाप्त करके ताप बढ़ा देता है. यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती. इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है. बदलेगी ग्रहों की चाल, बनेंगे बारिश के योग
नौतपा के दौरान ही ग्रहों की चाल भी बदलती है. 30 मई को बुध ग्रह वक्री होगा. इसके दो दिन बाद शुक्र भी बुध का साथ छोड़ देगा. इससे पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा का योग बन सकता है. हिमाचल के अलावा राजस्थान, गुजरात, यूपी, पंजाब और ओडिशा में भी तेज हवाओं के साथ बारिश का योग बनेगा. ज्योतिषियों के अनुसार इसके अलावा इस साल का राजा मंगल है और मंगल के पास ही ​बारिश का विभाग भी है, जो जल के क्षय का द्योतक है. इससे भारत में अच्छी वर्षा के योग ​बनेंगे.





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